मॉयल से हो रही चोरी या कर रहे अवैध खनन
बालाघाट. जिले के मॉयल नगरी भरवेली में अब मैगनीज माफिया सक्रिय हो गए हैं। माफिया या तो मॉयल से मैगनीज की चोरी करते हैं या फिर क्षेत्र में ही अवैध खनन का कार्य करते हैं। दरसअल, वन विभाग द्वारा गुरुवार को १५० बोरियो में भरे मैगनीज को जब्त किया है। माफिया ने इस मैगनीज को जंगल के भीतर छिपाकर रखा था। इससे स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में मैगनीज का अवैध कारोबार हो रहा है। विदित हो कि इसके पूर्व भी प्रशासनिक अमले ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने में मैगनीज जब्त किया गया था। लेकिन मैगनीज माफिया तक प्रशासन नहीं पहुंच पाया था। जिसके चलते यह अवैध कारोबार अभी तक फल-फूल रहा है।
जानकारी के अनुसार मुख्य वन संरक्षक वनवृत्त बालाघाट नरेंद्र कुमार सनोडिया के निर्देशानुसार धर्मेंद्र बिसेन वनक्षेत्रपाल प्रभारी उडऩदस्ता वनवृत्त बालाघाट के मार्गदर्शन में शिशुपाल गणवीर वनपाल, नरेंद्र कुमार शेंडे, विजयभान नागेश्वर, तिलक सिंह राहंगडाले, सौरभ यादव, दिलीप पालेवार वनरक्षक, अंकित ठाकरे और शंभू यादव द्वारा गुरुवार को मॉयल लिमिटेड भरवेली की जांच के दौरान मॉयल सीमा से लगभग 400 मीटर के दायरे के क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगभग 150 बोरी और काफी मात्रा में ढेर बनाकर मैंगनीज़ अवैध रूप से छिपा कर रखा हुआ पाया गया। मॉयल सीमा से लगे बीट पायली के कक्ष क्रमांक-666 में विभिन्न स्थानों पर जीआइ तार झाडिय़ों के बीच में पड़ा हुआ पाया गया, जो मॉयल सीमा से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। इस तार से अवैध शिकार होने की संभावना प्रतीत होती है। उडऩदस्ता वनवृत्त बालाघाट द्वारा प्राप्त मैंगनीज व तार को जब्त कर परिक्षेत्र सहायक गांगुलपारा को अग्रिम कार्रवाई के लिए सुपुर्दनामे में दे दिया।
रात्रि में करते हैं परिवहन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माफिया द्वारा पहले मैगनीज का अवैध रुप से जंगलों में अलग-अलग स्थानों में भंडारण कर देते हैं। इसके बाद उसे रात्रि में वाहनों से अन्यत्र परिवहन कर दिया जाता है। इस तरह से माफिया द्वारा धीरे-धीरे टनों से मैगनीज को अलग-अलग स्थानों में भंडारित कर उसे छग राज्य में परिवहन कर दिया जाता है। बताया गया है कि इस क्षेत्र में मैगनीज माफिया काफी वर्षों से सक्रिय है। जिन पर आज तक प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की है। जिसके कारण वे बैखौफ होकर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।