script2013 के बाद पहली बार पहले आया मानसून, 31 मिमी हुई बारिश | Monsoon came first for the first time since 2013, 31 mm of rain | Patrika News

2013 के बाद पहली बार पहले आया मानसून, 31 मिमी हुई बारिश

locationबालाघाटPublished: Jun 11, 2021 10:16:23 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

नगर में जगह-जगह हुआ जल भराव, परेशान होते रहे व्यापारी, राहगीर, बारिश के साथ ही कृषि कार्य में जुटे किसान

2013 के बाद पहली बार पहले आया मानसून, 31 मिमी हुई बारिश

2013 के बाद पहली बार पहले आया मानसून, 31 मिमी हुई बारिश

बालाघाट. जिले में इस वर्ष मानसून ने करीब एक सप्ताह पहले ही दस्तक दे दी है। वर्ष २०१३ के बाद पहली बार १० जून को मानसून ने जिले में दस्तक दी है। यह दक्षिण-पश्चिम मानसून बालाघाट से होते हुए प्रदेश के अन्य जिलों में भी पहुंचा है। मौसम विभाग के अनुसार यह मानसून अब सितम्बर माह तक ऐसे ही बना रहेगा। इधर, मानसून की पहली बारिश में ही नगर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई। नगर में जगह-जगह जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिससे व्यापारियों के साथ-साथ राहगीरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इधर, बारिश होने के साथ ही किसानों ने कृषि कार्य भी शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार जिले में बुधवार की रात्रि से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है। गुरुवार व शुक्रवार को भी रिमझिम बारिश का दौर रुक-रुक कर चलते रहा। हालांकि, पहली बारिश में किसी भी प्रकार के जनहानि या दुर्घटना होने की सूचनाएं नहीं मिली है। इधर, कृषि विज्ञान केन्द्र बडग़ांव के वैज्ञानिक डॉ धर्मेन्द्र अगासे के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून आगामी अक्टूबर माह के प्रथम पखवाड़े तक सक्रिय रहेगा। इसी मानसून में अच्छी बारिश की संभावना होती है। जबकि अक्टूबर के बाद के दूसरे मानसून में ज्यादा बारिश नहीं होती है। उन्होंने बताया कि अमूमन मानसून जून माह में ही आ जाता है। लेकिन इस वर्ष करीब एक सप्ताह पूर्व ही जिले में प्रवेश कर गया।
बारिश की पहली फुहार ने खोली नपा की पोल
इधर, मानसून की पहली फुहार ने नगर पालिका परिषद बालाघाट के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है। गुरुवार व शुक्रवार को हुई बारिश के चलते हनुमान चौक सहित गोंदिया रोड पर जगह-जगह पानी भर गया। जिसके कारण व्यापारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। व्यापारियों के अनुसार यह समस्या पिछले करीब २५-३० वर्षों से बनी हुई है। लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
जिले में 42 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड
1 जून से प्रारंभ हुए चालू वर्षा सत्र में 11 जून तक जिले में 42 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। 11 जून को सुबह 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान बालाघाट जिले में 31 मिमी औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मिमी है। माह जून में सामान्य रूप से 212 मिमी वर्षा हो जाना चाहिए।
कार्यालय अधीक्षक भू-अभिलेख बालाघाट से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 जून को सुबह 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों के दौरान बालाघाट तहसील में 31 मिमी, वारासिवनी तहसील में 41 मिमी, बैहर तहसील में 35 मिमी, लांजी तहसील में 3 मिमी, कटंगी तहसील में 32 मिमी, किरनापुर तहसील में 33 मिमी, खैरलांजी तहसील में 13 मिमी, लालबर्रा तहसील में 16 मिमी, बिरसा तहसील में 29 मिमी, परसवाड़ा तहसील में 67 मिमी, तिरोड़ी तहसील में 38 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस प्रकार बीते 11 जून को सुबह 8 बजे समाप्त 24 घंटों में बालाघाट जिले में 31 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है। 10 जून को बालाघाट तहसील में 33 मिमी, वारासिवनी तहसील में 16 मिमी, बैहर तहसील में 25 मिमी, लांजी, किरनापुर, खैरलांजी, परसवाड़ा तहसील में 00 मिमी, कटंगी तहसील में 17 मिमी, लालबर्रा तहसील में 7 मिमी, बिरसा तहसील में 1 मिमी, तिरोड़ी तहसील में 3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस प्रकार 10 जून को सुबह 8 बजे समाप्त हुए 24 घंटों में बालाघाट जिले में 9 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
12 से 16 जून के मध्य भारी वर्षा की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से प्राप्त 5 दिवसीय मध्यम श्रेणी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बालाघाट जिले में 12 से 16 जून के मध्य मध्यम से भारी वर्षा की सभावना है। इस दौरान सापेक्ष आद्रता 80 से 89 प्रतिशत रहने की संभावना है और अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेलिसियस तथा न्यूनतम तापमान 17 से 20 डिग्री सेलिसियस रहने की संभावना है। इस अवधि में हवा की गति 11.9 से 15.8 किलोमीटर प्रति घंटे दक्षिण पश्चिमी रहने की संभावना है। साथ ही इन दिनों में आसमान में घने बादलो के छाए की सम्भावना है। यह जानकारी राणा हनुमान सिंह कृषि विज्ञान केन्द्रए बडगांव बालाघाट की जिला कृषि मौसम इकाई द्वारा प्रदान की गई है।
मोबाइल एप से भी मिल सकती है मौसम की जानकारी
कृषि विज्ञान केन्द्र बडग़ांव के वैज्ञानिक डॉ धर्मेन्द्र अगासे ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में कृषकों के हित में मेघदूत, मौसम, दामिनी मोबाईल एप विकसित किए गए हैं। इनके माध्यम से किसान आगामी दिवसों के मौसम की स्थिति जैसे वर्षा, तापमान, हवा की गति आदि से अवगत होकर अपने खेतों में फसलों या अन्य का प्रबंधन कर सकते है। साथ ही दामिनी मोबाइल एप से आकाशीय बिजली और वज्रपात की जानकारी 24 घंटे पहले प्राप्त की जा सकती है। इन मोबाइल एप को किसान अपने एंड्राइड मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से डाउनलोड कर इंस्टाल कर सकते है।
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