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बालाघाट

गढ़चिरोली में हुए एनकाउंटर से बौखलाए नक्सली, रोड रोलर को जलाया

नक्सली लीडर मिलिंद की मौत के बाद से जिले में कमजोर हुआ था संगठन, छग राज्य के बंद को सफल बनाने के फेंके पर्चे, सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ाई सर्चिंग, जवानों को किया अलर्ट

बालाघाटDec 04, 2021 / 09:39 pm

Bhaneshwar sakure

गढ़चिरोली में हुए एनकाउंटर से बौखलाए नक्सली, रोड रोलर को जलाया

गढ़चिरोली में हुए एनकाउंटर से बौखलाए नक्सली, रोड रोलर को जलाया

बालाघाट. जिले में एक बार फिर से लाल आतंक का कोहराम सामने आया है। करीब ४० हथियार बंद महिला-पुरुष नक्सलियों ने देवरबेली चौकी के अंतर्गत कोरका और नरपी के बीच सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहन को फूंक दिया। साथ ही पर्चे फेंककर, बैनर लगाकर महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली के एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों का जिक्र किया है। वहीं विरोध में १० दिसम्बर को महाराष्ट्र, छग और मप्र राज्य में बंद का आव्हान किया है। घटना की जिम्मेदारी भाकपा (माओवादी) एमएमसी जोनल कमेटी ने ली है। इधर, नक्सली लीडर मिलिंद तेलतुमड़े के मारे जाने से जिले में नक्सली संगठन कमजोर हुआ है। घटना के बाद जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्चिंग तेज कर दी गई है। जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है। ताकि नक्सली फिर से किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे सकें।
जानकारी के अनुसार जिले के अति नक्सल प्रभावित ग्राम मलकुआं तक सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। करीब १० करोड़ रुपए की लागत से देवरबेली से लेकर मालकुंआ के बीच १२ किमी सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसका ठेका रायसिंग एंड कंपनी द्वारा लेकर निर्माण कार्य किया जा रहा था। जहां सड़क निर्माण के लिए रोड रोलर मशीन चल रही थी। ४ दिसंबर की अलसुबह करीब ४ बजे लगभग ४० की संख्या में महिला-पुरुष हथियारबंद नक्सली मौके पर पहुंचे और उन्होंने जीवा उर्फ मिलिंद तेलबुंडे की हत्या का विरोध करते हुए १० दिसंबर को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य बंद करने की मांग को लेकर रोड रोलर को आग लगा दी। वहीं पर्चें फेंके हैं। बैनर टांग कर नक्सलियों ने महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरोली में एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों का जिक्र किया है। इससे स्पष्ट होता है कि नक्सली गढ़चिरोली की घटना से बौखला गए हैं। उल्लेखनीय है कि गढ़चिरोली में हुए एनकाउंटर में जिले के नक्सली लीडर मिलिंद तेलतुमड़े की भी मौत हुई है। मिलिंद की मौत के बाद से जिले में नक्सलियों की पकड़ न केवल कमजोर हुई थी। बल्कि किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के इंतजार में भी थे। हालांकि, इसके पूर्व हाल ही में नक्सलियों ने बैहर थाना क्षेत्र, सोनगुड्डा चौकी अंतर्गत अपनी सक्रियता भी दिखाई थी। हालांकि, नक्सलियों के इन मंसूबों को नाकाम करने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है।
दूसरे राज्य में घटना के बाद जिले में पहुंचते हैं नक्सली
नक्सली छग और महाराष्ट्र राज्य में किसी घटना को अंजाम देने के बाद जिले में शरण लेते हैं। नक्सली दोनों ही राज्यों के जंगलों से जिले में प्रवेश करते हैं। छग राज्य के कवर्धा, कबीरधाम से कान्हा नेशनल पार्क और दक्षिण बैहर क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इसी तरह महाराष्ट्र राज्य से लांजी, देवरबेली चौकी क्षेत्र से भी जिले में प्रवेश करते हैं। जिसके बाद ये नक्सली जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय हो जाते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में डेढ़ सैकड़ा से अधिक नक्सली सक्रिय हो गए हैं। ये नक्सली अन्य राज्यों से यहां पहुंचे हैं। जो अब अपनी पैठ जमाना चाह रहे हैं।
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