बताया गया कि महिला नक्सली साजंती वर्तमान में कान्हा-भोरमदेव डिवीजन के खटिया मोचा एरिया कमेटी की सदस्य है। वह मूलत महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के कोटमी थाना अंतर्गत कासनसुर चौकी के नैनगुड्डा की रहने वाली है। 2011 में वह सीएमसी नक्सली संगठन में भर्ती हुई। 2016 से वह एमएमसी जोन में केबी डिवीजन अंतर्गत खटिया मोचा दलम की सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रही थी। जिले के मालखेड़ी में पुलिस मुखबीर की हुई हत्या मामले में भी साजंती शामिल रही है।
पुलिस के अनुसार साजंती को गिरफ्तार करना आसान नहीं था। विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी लगी थी कि कान्हा-भोरमदेव डिवीजन के नक्सली राशन पानी का इंतजाम करने परसाटोला बाजार करने आने वाले हैं। इस दौरान वरिष्ठों के निर्देशन में दो टीमें तैयार की गई। एक टीम में 11 सदस्य व दूसरी टीम में 12 सदस्य शामिल थे। एसओजी प्रभारी महेन्दर सिंह टीम को लीड कर थे। 11 सदस्यों की टीम परसाटोला पहुंची। वहीं दूसरी टीम को कुछ किमी दूरी पर जंगल की तरफ तैनात किया गया था। साजंती एक पुरुष नक्सली के साथ मौके पर पहुंची थी। हॉक फोर्स के जवानों ने उन्हें सरेंडर करने ललकारा। तब पुरुष नक्सली भागने में कामयाब हो गया। वहीं साजंती को दौडकऱ धर दबोचा गया।
आईजी संजय सिंह के अनुसार 14 लाख की इनामी नक्सली साजंती को पकडऩे प्रमुख रूप से चार जवानों ने साहसिक परिचय दिया है। जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर साजंती को न सिर्फ पकड़ा बल्कि जंगली क्षेत्र से सुरक्षित बालाघाट तक भी पहुंचाया। इन वीर जवानों में प्रमुख रूप से एसओजी महेन्दर सिंह, एएसआई मंगलू उइके, वीजेन्द्र मर्सकोले और मुनेदंर शामिल है।
21 वीं सदी बालाघाट पुलिस के लिए कई मायनों में अहम साबित हो रही है। सर्वाधिक नक्सली इन्हीं वर्षो में पकड़े और ढेर किए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस जवानों ने 2020 से 24 तक सार्वधिक 13 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं सांजती और एक अन्य नक्सली को जिंदा गिरफ्तार भी किया है। वर्ष 2022-23 में ही पुलिस ने लोहा लेकर सर्वाधिक 07 नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर किया है।
वर्सन
हमारे जवानों ने वाकई अपने साहस और शौर्य का परिचय देकर एक बार फिर बालाघाट पुलिस का नाम रोशन किया है। एसपी नागेन्द्र सिंह के साथ ही टीम लीडर और जवान बधाई के पात्र है।
संजय सिंह, आईजी