ना ब्रेकर बने ना ही लगे संकेतक, लगातार हो रहे हादसे
ना ब्रेकर बने ना ही लगे संकेतक, लगातार हो रहे हादसे
कटंगी। खमरिया-खजरी बायपास का निर्माण करीब 2 महीने पहले ही पूरा हो चुका है। इसके बाद इस मार्ग पर सभी छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है तथा यातायात दबाव तेजी से बढ़ गया है। लेकिन जब से यह बायपास शुरू हुआ है, तभी से कतरकना-बीसापुर, पुराना पेट्रोप पंप चौक से पाथरवाड़ा और अर्जुननाला से चिकमारा की ओर जाने वाले राहगीरों की मुश्किले भी बढ़ गई है। दरअसल, बासपास दो गांवों को आपस में जोडऩे वाली इन सीमाओं से होकर गुजरता है। जिसमें हमेशा हादसों का डर बना रहता है। राहगीरों के अनुसार इन तीनों ही स्थानों पर बासपास में ना तो ब्रेकर है, ना ही संकेतक जिस वजह से यहां लगातार सड़क हादसे हो रहे है। राहगीरों ने एमपीआरडीसी के वरिष्ट अधिकारियों का इस तरफ ध्यानाकर्षण भी कराया था। लेकिन कंपनी काम पूरा कर जा चुकी है। लेकिन अब तक संकेतक नहीं लगाए गए हैं। राहगीरों ने बाईपास पर वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग रखी थी।
उक्त तीनों ही स्थानों पर चलने वाले करीब एक दर्जन से भी अधिक गांवों के राहगीरों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि बायपास पर हमेशा दुर्घटना का डर बना रहता है। गौरतलब हो कि सिवनी से तुमसर की ओर चलने वाले मालवाहन वाहन बासपास तैयार होने के बाद इसका उपयोग कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इन वाहनों की गति काफी अधिक होती है। अंधा मोड़ हो या गांव के नजदीक की सीमा कहीं पर भी वाहन चालक स्पीड कम नहीं करते। बताया यह है कि बायपास होने के कारण चालक हार्न का प्रयोग भी नहीं करते ऐसे में गांव की ओर से आने वाले राहगीरों को बासपास पर चलने वाले वाहन का पता नहीं चल पाता और वह वाहन के सामने तक आ जाता है।
ग्रामीण राहगीरों ने कहा कि इन तीनों ही स्थानों पर बायपास में स्पीड ब्रेकरों बनाने के बाद ही वाहनों की स्पीड को कम किया जा सकता है। जिससे वाहनों के आपस में टकराने का डर भी समाप्त होगा और लोग अपनी जान से हाथ धोने से बचेंगे।
Home / Balaghat / ना ब्रेकर बने ना ही लगे संकेतक, लगातार हो रहे हादसे