scriptसरकार की रोक के बाद भी पीडीएस से बांटा जा रहा है अमानक चावल | Non-standard rice is being distributed from the PDS even after the gov | Patrika News

सरकार की रोक के बाद भी पीडीएस से बांटा जा रहा है अमानक चावल

locationबालाघाटPublished: Sep 04, 2020 10:16:55 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

केन्द्र सरकार ने अमानक चावल को कर दिया है रिजेक्ट , परसवाड़ा विस क्षेत्र के रोशना सोसायटी से किया जा रहा था अमानक चावल का वितरण, अमानक चावल मामले की अब ईओडब्ल्यू कर रही जांच

सरकार की रोक के बाद भी पीडीएस से बांटा जा रहा है अमानक चावल

सरकार की रोक के बाद भी पीडीएस से बांटा जा रहा है अमानक चावल

बालाघाट. सरकार की रोक के बाद भी जिले के सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अमानक चावल का वितरण बंद नहीं हो पाया है। जानवरों के खाने लायक का चावल न होने के बाद भी इसके वितरण पर अभी तक पूर्णत: रोक नहीं लग पाई है। जिले के अनेक सोसायटियों से इस अमानक चावल का अब भी वितरण किया जा रहा है। ताजा मामला परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत रोशना की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सोसायटी का सामने आया है। जहां पर परसवाड़ा के पूर्व विधायक मधु भगत ने चावल को देखा तो वह खुद अचंभित रह गए। दुकान से गरीबों को जो चावल दिया जा रहा था वह काफी घटिया किस्म का था जिसमें फफूंद और इल्लियां लगी हुई थी। जिसे गरीबों को बांटा जा रहा था। वहीं पूर्व विधायक भगत ने इस चावल को गाय को खिलाने का प्रयास किया, जिसे सुंघ कर गाय ने भी खाना पसंद नहीं किया। जिस पर पूर्व विधायक भगत ने इसकी सूचना तत्काल कलेक्टर दीपक आर्य को दी और चावल वितरण में रोक लगाने की बात कही।
इधर, केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि बालाघाट की राशन दुकानों में गरीबों को जिस चावल का वितरण किया जा रहा है, वह काफी घटिया और निम्न स्तर का है, जो मनुष्य के खाने लायक नहीं है। मामले के तूल पकडऩे के बाद कलेक्टर के आदेश पर राइस मिलों के गोदामों को सील कर दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसमें जांच के आदेश देते हुए पूरे मामले को ईओडब्ल्यू को सौंपा दिया है। ईओडब्ल्यू की टीम ने बालाघाट पहुंचकर जांच भी प्रारंभ कर दी है। हालांकि, इसके पूर्व जिला स्तर पर सीएसपी बालाघाट के नेतृत्तव में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। जिसमें सीएसपी के अलावा तीन थाना प्रभारियों को भी शामिल किया गया है। पुलिस अधिकारियों की इस टीम द्वारा मिलर्स से दस्तावेजों को लेकर जांच की जा रही थी। लेकिन अब इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू के द्वारा की जाएगी।
इन मिलर्स के खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर
प्रदेश सरकार ने अमानक चावल की सप्लाई किए जाने के मामले में जिले के १८ मिलर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए है। हालांकि, अभी तक किसी भी मिलर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हो पाई है। इस मामले में अभी पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद ही इस मामले में मिलर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। जानकारी के अनुसार अमानक स्तर का चावल प्रदाय करने वाले संचेती राइस मिल वारासिवनी के मालिक गंभीर संचेती, मां दुर्गा राइस मिल वारासिवनी के मालिक भोजेश पारधी, लक्ष्मी राइस उद्योग वारासिवनी के मालिक हुलेश कटरे, संचेती सारटेक्स वारासिवनी के मालिक गौरव संचेती, श्री कुमार राइस मिल नैतरा के मालिक आनंद ठाकरे, आकाश इंडस्ट्रीज वारासिवनी के मालिक गगनदास सोमानी, तोलानी राइस मिल वारासिवनी के मालिक राकेश तोलानी, महालक्ष्मी राइस मिल खमरिया के मालिक खुमान सिंह बिसेन, श्री सिद्धिविनायक राइस मिल खमरिया के मालिक बालकृष्ण बिसेन, बाबा राइस मिल सांवगी के मालिक रविशंकर ठाकरे, बजरंग राइस मिल बैहर के मालिक हृदय शाय हिरवाने, अंबिका राइस मिल बैहर के मालिक राकेश अग्रवाल, सताक्षी राइस मिल बैहर के मालिक आकाश अग्रवाल, चैतन्य प्रसाद अग्रवाल राइस मिल बैहर की मालिक शशिकला अग्रवाल, श्री लक्ष्मी राइस मिल उकवा के मालिक मुकेश अग्रवाल, वीबी राइस मिल सीडब्ल्यूसी गर्रा की मालिक बरखा रानी नाग, मां दुर्गा राइस इंडस्ट्रीज सीडब्ल्यूसी गर्रा के मालिक लालचंद धनवानी और गीता ट्रेडर्स सीडब्ल्यूसी गर्रा के मालिक दीपक धनवानी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए है। वहीं इस मामले में सभी १८ राइस मिलर्स के मिलों को सील करने की कार्रवाई की गई है।
इनका कहना है
सोसायटी से बहुत ही खराब चावल दिया जा रहा था। इस चावल को मवेशी भी नहीं खा पा रहे हैं। मजबूरी में सोसायटी से चावल लेना पड़ रहा है। सरकार को गरीबों को अच्छा राशन देना चाहिए।
-पार्वती नगपुरे, रोशना निवासी
सरकार की रोक के बाद भी रोशना सोसायटी से अमानक चावल का वितरण किया जा रहा था। कलेक्टर को इसकी सूचना देकर तत्काल चावल के वितरण पर रोक लगाने कहा गया है। अन्य सोसायटियों में भी इसी तरह अमानक चावल के वितरण होने की संभावना है।
-मधु भगत, पूर्व विधायक परसवाड़ा
अमानक चावल मामले में किसी भी मिलर्स के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। मामले की जांच सीएसपी के नेतृत्व में की जा रही थी। अब ईओडब्ल्यू की टीम मामले की जांच कर रही है। आगे की जांच ईटोडब्ल्यू द्वारा ही की जाएगी।
-अभिषेक तिवारी, एसपी, बालाघाट

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