आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार नहीं मिलने से दर्ज संख्या हो रही प्रभावितविभाग ने सैकड़ों मिट्रिक टन की भेजी डिमांड
बालाघाट. देश से कुपोषण को खत्म करने केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा आंगनवाडिय़ों के माध्यम से चलाया जाने वाला अभियान इन दिनों जिले में खटाई में नजर आ रहा है। दरअसल इस अभियान के तहत आंगनवाडिय़ों के माध्यम से छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों व गर्भवति, धात्री महिलाओं को पूरक पोषण आहार (एचटीआर) वितरित किया जाता है। लेकिन वर्तमान में पिछले दिसंबर माह से शहर में पोषण आहार की खेप नहीं पहुंच पाई है। इस कारण ऐसी महिलाओं व बच्चों को एचटीआर का वितरण नहीं हो पाया है।
पत्रिका ने गत दिनों शहर सहित ग्रामीण अंचलों की कुछ आंनवाड़ी केन्द्रों का मुआयना किया। इस दौरान स्थिति चिंता जनक सामने आई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के अनुसार पूरक पोषण आहार नहीं मिलने का असर बच्चों की उपस्थिति पर पड़ रहा है। बच्चे आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने रूचि नहीं दिखा रहे हैं। यदि ऐसे ही चलता रहा तो बच्चों की संख्या नगण्य हो जाएगा। जिसका सीधा असर बच्चों की सेहत पर पढऩे की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जिले से कुपोषण का कलंक कैसे मिट पाएगा यह बड़ा सवाल है।
यह सामने आई स्थितपत्रिका मुआयने के दौरान सामने आया कि शहर के वार्ड नंबर १२ केन्द्र क्रमांक ३१ में पूरक पोषण आहर नहीं मिलने से बच्चों की संख्या में कमी आई है। यहां की कार्यकर्ता ज्योति नागरे ने बताया कि उनके पास दो हफ्ते का स्टॉक है। इसके बाद पोषण आहार खत्म हो जाएगा। इसी तरह वार्ड नंबर ११ केन्द्र क्रमांक २७ की कार्यकर्ता ने बताया कि उनकी आंगनवाड़ी केन्द्र में पिछले माह का पोषण आहार इस बार दिया गया है। जिसका वितरण वे कर रही है। आगामी सप्ताह के लिए पोषण आहार नहीं बच पाएगा। इसी तरह के हाल कटंगी व चिखलाबांध की आंगनवाड़ी केन्द्रों के सामने आए। यहां के केन्द्रों में स्टॉक बहुत होने की बात कार्यकर्ताओं द्वारा बताई गई।
पूरे प्रदेश में यही समस्याइस मामले में महिला बाल विकास विभाग के शहरी परियोजना अधिकारी
दिनेश शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में पोषण आहार सप्लाई करने वाले ठेकेदारों पर कोर्ट के हस्तक्षेप करने के बाद ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। इन्होंने बताया कि शहरी परियोजना अंतर्गत ८१ आंगनवाड़ी केन्द्र आते हैं। जिनमें छह माह से ३ वर्ष तक के करीब ३४०० बच्चे दर्ज है। इसी तरह ६४९ गर्भवति व ६२३ धात्री महिलाएं दर्ज है। जिनके लिए प्रति माह ६५७ मिट्रिक टन पूरक पोषण आहार की डिमांड होती है। लेकिन प्रदेश स्तर से ही पोषण आहार मुहैया नहीं कराए जाने से इसे वितरित नहीं किया जा रहा है।
वर्सनजिले में फरवरी माह में दिसंबर २०१८ माह का पूरक पोषण आहार आवंटित किया गया था। इसके बाद से पोषण आहार अब तक नहीं मिल पाया है। लगातार डिमांड भेजी जा रही है।
दिनेश शर्मा, शहरी परियोजना अधिकारी मबविवि