scriptOld plans incomplete yet got new target | पुरानी योजनाएं अधूरी फिर भी मिला नया टारगेट | Patrika News

पुरानी योजनाएं अधूरी फिर भी मिला नया टारगेट

locationबालाघाटPublished: Sep 02, 2023 08:39:57 pm

Submitted by:

mukesh yadav

तीन सैकड़ा योजनाएं ही हुई पूरी, पीएचई विभाग का मामला

पुरानी योजनाएं अधूरी फिर भी मिला नया टारगेट
पुरानी योजनाएं अधूरी फिर भी मिला नया टारगेट
बालाघाट। हर घर तक पानी पहुंचाने की मंशा से केंद्र सरकार जल जीवन मिशन के तहत कार्य करवा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मार्फत यह कार्य करवाएं जा रहे हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते यह हिचकोले खाते नजर आ रही है। जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पहले फेज में 555 योजनाएं शुरू की गई थी। इन योजनाओं का कार्य वर्ष 2020 में प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2024 तक टारगेट पूरा करना था। लेकिन आधी योजनाएं अब तक पूर्ण नहीं हो पाई है। वहीं विभाग को फिर नया टारगेट दिया गया है।
बता दें कि जल जीवन मिशन के कार्य जिले के सभी ब्लॉकों में करवाए गए। आमजनों को भी लगने लगा था कि उन्हें जल्द नल जल योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन लोगों का इंतजार अभी तक खत्म नहीं हो पाया है। ग्रामीण जनता अभी भी योजना पूर्ण होने का इंतजार कर रही है।
आंकड़ों में तीन सैकड़ा योजनाएं पूर्ण
पीएचई विभाग जिले में तीन सैकड़ा योजनाएं पूर्ण होने का आंकड़ा पेश कर रहा है। जबकि इनमें से आधी योजनाएं भी ग्राम पंचायत को हैंडओवर नहीं हो पाई है, क्योंकि कार्य अपूर्ण होने के कारण ग्राम पंचायत उसे अपने हैंडओवर में नहीं ले रही है। कई ग्रामों के सरपंचों ने बताया कि वे तब तक योजनाओं को हैंडओवर में नहीं लेंगे, जब तक ठेकेदार अपना कार्य पूर्ण नहीं करवाते।
467 नई योजनाओं का मिला टारगेट
जानकारी के अनुसार पीएचई विभाग के पास नई 467 योजनाएं आई है, जो की 248 करोड़ लागत की है। इसके पहले 555 योजनाएं आई थी, जो 684 करोड़ लागत की थी। अभी तक 263 योजनाएं ही पूर्ण होना बताया जा रहा है। नई योजनाएं सेक्शन होने गई है, जैसे ही इसका वर्क आर्डर होगा, उसके बाद काम चालू हो जाएगा।
एक ठेकेदार को कई योजनाओं का काम
योजना में अभी तक बड़ी तादाद में अपूर्ण होने के पीछे कारण यहीं सामने आया है कि एक-एक ठेकेदार को बहुत सारी योजनाओं का काम विभाग ने दे दिया है। ठेकेदार योजनाओं को पूर्ण करने में विलंब कर रहे हैं। यदि अधिकारियों ने ठेकेदार को क्रमबद्ध तरीके से योजनाएं दी जाती तो यह एक के बाद एक सही तरीके से पूर्ण होती। ठेकेदारों का ध्यान कई योजनाओं पर होने के कारण बड़ी संख्या में योजनाएं अपूर्ण ही दिख रही है।
गंभीर नहीं अधिकारी
बताया जा रहा है कि ठेकेदारों को योजनाओं का जिम्मा तो दे दिया गया, लेकिन योजनाओं में होने वाले कार्य की मॉनीटरिंग संबंधित उपयंत्री को करना होता है। उपयंत्रियों के ठेकेदारों पर दबाव नहीं होने से इन योजनाओं में मनमर्जी कार्य किया जा रहा है। इनमें सबसे बुरी स्थिति बालाघाट ब्लॉक की है। यहां समीप के गांवों में भी योजनाएं पूर्ण नहीं हो पाई है।
वर्सन
पुरानी 555 योजनाओं में से 263 योजनाएं पूर्ण हो चुकी है। वहीं नई 467 योजनाएं मिली है। जैसे ही वर्क आर्डर होगा, काम चालू होगा। सीपीईटी टेस्टिंग के बाद मटेरियल साइड में आते ही काम चालू होगा। जहां तक पुरानी योजनाओं की बात है तो योजनाओं को जल्द पूर्ण करने मैदानी अमले को निर्देश दे दिए गए हैं।
बीएल उइके, कार्यपालन यंत्री पीएचई विभाग
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.