डाक महकमें की रीढ़ हड़ताल पर
4 सूत्रीय मांगों को लेकर-

कटंगी। डाक विभाग की रीढ़ कहे जाने वाले ग्रामीण डाक सेवा अभा ग्रामीण डाक सेवक संघ के बैनर तले 22 मई से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जा चुके हैं। यह डाक सेवक मुख्यालय में स्थित उप-डाकघर के सामने हड़ताल पर बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं तथा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। डाक सेवकों की हड़ताल पर डाक विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। वहीं डाकघरों में चिट्ठी एवं पार्सलों का गट्ठा जमा हो गया है। दरअसल, ग्रामीण डाक सेवक जीडीएस कमेटी की रिपोर्ट को एआईजीडीएसयू के द्वारा दिए गए सुझावों के साथ जल्द लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण डाक सेवकों ने 8 घंटे कार्य एवं विभागीयकरण किए जाने, ग्रामीण डाक सेवकों को पेंशन लागू किए जाने, केन्द्रीय कैट एवं मद्रास हाईकोर्ट की बैच के आदेशों के अनुसार जीडीएस को पेंशन लागू किए जाने एवं जीडीएस का टारगेट के नाम से परेशान एवं उत्पीडऩ बंद करने की मांग को लेकर डाक कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे हैं।
ग्रामीण डाक सेवकों ने बताया कि उन्होंने गत वर्ष 16 अगस्त को भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री एवं संचार विभाग के द्वारा मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया। जिसके चलते यह हड़ताल शुरू की गई है। डाक सेवक संघ ने जानकारी में बताया कि भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ अध्यक्ष एम. राजागंम एवं सचिव एसएस महादेवया के निर्देशन पर हड़ताल की जा रही है।
यह है प्रमुख मांगे
ग्रामीण डाक सेवक सचिव दिवानलाल डोगरें ने बताया कि ग्रामीण डाक सेवकों को वर्ष 2016 में सातवें वेतन आयोग के तहत लाभ मिलना था। मगर सरकार इसको लागू करने में आनाकानी कर रही है। ग्रामीण डाक सेवक संघ इसके पहले भी देशव्यापी हड़ताल कर चुका हैं। मगर सरकार ने उनकी मांग को पूरा नहीं की जिसके चलते संघ ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है। बहरहाल, डाक सेवकों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से डाक विभाग की सेवाएं प्रभावित तो हो रही हैं। वहीं आमजन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नही हो पाया है कि ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल कब तक समाप्त होगी।
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