एक शहर-दो तस्वीर - न तो राशन कार्ड बना न बन पाए आधार कार्ड
नगर परिषद लांजी के मंडई टेकरी का मामला
बैगा आदिवासी परिवारों को नहीं मिल पा रहा है लाभ
बालाघाट
Published: July 06, 2022 10:23:30 pm
बालाघाट. एक शहर-दो तस्वीर। शहर के एक हिस्से में सभी सुविधाएं मौजूद तो दूसरी तस्वीर में सुविधाओं की कमी। कमी भी ऐसी कि न तो राशन कार्ड बन पाए हैं और न ही अधिकांश लोगों के आधार कार्ड। आज भी यहां के बैगा आदिवासी कच्चे मकानों में निवास कर रहे हैं। मामला नगर परिषद लांजी के वार्ड क्रमांक 5 मंडई टेकरी का है।
जानकारी के अनुसार नगर परिषद लांजी के वार्ड क्रमांक 5 मंडई टेकरी में करीब 20 बैगा आदिवासी परिवार निवास करते हैं। लेकिन विडम्बना यह है कि इन परिवारों के पास आय के साधन नहीं है। इनमें से अधिकांश लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं। इतना ही नहीं कुछेक लोग ऐसे भी हैं, जिनके आज तक आधार कार्ड बन पाए हैं। ऐसी स्थिति में इन बैगा आदिवासी परिवार को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां के बैगा आदिवासी परिवार ने राशन कार्ड के लिए नगर पंचायत में भी आवेदन दिया, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पाई है। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
झोपड़े में कर रहे हैं निवास
मंडई टेकरी में निवासरत बैगा आदिवासी परिवारों में अधिकांश लोग अभी भी झोपड़े में निवास कर रहे हैं। राशन कार्ड नहीं बनने के कारण इन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन बैगा आदिवासी परिवारों को खासतौर पर बारिश के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने सुविधाएं मुहैया कराए जाने के लिए अनेक अधिकारियों से गुहार भी लगाई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
पोषण आहार की नहीं मिल रही राशि
नगर परिषद लांजी के वार्ड क्रमांक 5 मंडई टेकरी में निवास करने वाले बैगा आदिवासी परिवार की महिलाओं में से कुछेक ही पोषण आहार की राशि मिल रही है। जबकि शेष महिलाओं को पिछले पांच-छह माह से राशि नहीं मिल पा रही है। जबकि शासन द्वारा बैगा आदिवासी परिवारों को पोषण आहार की राशि प्रदान किए जाने का दावा किया जा रहा है।
पूर्व विधायक ने किया पत्राचार
मंडई टेकरी में निवास करने वाले बैगा आदिवासी परिवार में मौजूदा समय में चार गर्भवती महिलाएं भी हैं। इन महिलाओं को स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने के लिए पूर्व विधायक किशोर समरिते ने बीते दिनों कलेक्टर को पत्र भी लिखा था। इस पत्र के बाद स्वास्थ्य अमला, राजस्व अमला मौके पर पहुंचा था। जहां स्वास्थ्य अमले ने इन गर्भवती महिलाओं सहित अन्य की जांच कर उन्हें आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध कराई थी। इसके अलावा राजस्व अमले ने भी मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
इनका कहना है
पिछले तीन माह से राशन नहीं मिला है। छह माह से पोषण आहार की राशि नहीं मिल पाई है। महंगे दामों में बाहर से राशन खरीद कर ला रहे हैं।
-धरमदास, स्थानीय निवासी
पोषण आहार की राशि नहीं मिल पा रही है। राशन कार्ड, आधार कार्ड भी नहीं बन पाया है। राशन कार्ड के लिए नगर पंचायत में आवेदन दिए हैं।
-देविका नेताम, स्थानीय निवासी
हम लोग गरीब हैं। शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हमारे पास रहने के लिए पक्का मकान भी नहीं है।
-सीमा वायकरे, स्थानीय निवासी

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