scriptOne kilo of potatoes and half a kilo of reflux on 46 children | 46 बच्चों पर एक किलों आलू व आधा किलो भाटा | Patrika News

46 बच्चों पर एक किलों आलू व आधा किलो भाटा

locationबालाघाटPublished: Sep 22, 2022 08:28:50 pm

Submitted by:

mukesh yadav

ग्रामींण अंचलों के छात्रावासों में बच्चों को नहीं मिल पा रहा पर्याप्त भोजन
आधा पेट भोजन कर ही किसी तरह गुजर-बसर कर रहे बच्चे
जनपद उपाध्यक्ष के आकस्मिक निरीक्षण में सामने आई कई अनियमित्ताएं
आदिवासी नवीन सीनियर कन्या छात्रावास दमोह का मामला

 

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46 बच्चों पर एक किलों आलू व आधा किलो भाटा
46 बच्चों पर एक किलों आलू व आधा किलो भाटा
बालाघाट. 46 छात्राओं के लिए एक किलो आलू और आधा किलो भटे की सब्जी। पर्याप्त भोजन नहीं मिलने पर आधा पेट भोजन कर ही किसी तरह गुजर-बसर करने की मजबूरी। मामला जिले के बिरसा दमोह क्षेत्र के आदिवासी नवीन सीनियर कन्या छात्रावास का सामने आया है। दरअसल जनपद उपाध्यक्ष हेमेन्द्र साहू ने अपनी टीम के साथ 20 सितंबर को इस छात्रावास का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान भोजन के अलावा अन्य कई अव्यवस्थाएं सामने आईं।
इस छात्रावास में छात्राओं को पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधा, बिजली, पानी और छात्रावास में शासन स्तर से प्रदान की जानी वाली अन्य सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। छात्राएं भी स्वयं को अभाव और मजबूरी में शिक्षा ग्रहण करने की बात कहते नजर आई।
कई छात्राओं को नहंी मिला भोजन
जनपद उपाध्यक्ष साहू ने बताया कि उनके निरीक्षण के दौरान अधीक्षिका छात्रावास में उपस्थित नहीं थी। निरीक्षण में पाया गया कि 46 छात्राओं के लिए पांच किलो चांवल, डेढ़ पाव दाल, एक किलो आलू व आधा किलो भटे की सब्जी बनाई गई थी। ऐसे में भोजन वितरण के दौरान आधे बच्चों को ही सब्जी मिल पाई। वहीं एक बार चांवल के बाद दूसरी बार किसी को भी चांवल नहीं परोसा जाता है। ऐसे में कई छात्राओं को आधा पेट भोजन कर ही संतुष्ठ होना पड़ता है। साहू के अनुसार पर्याप्त मात्रा में आवंटन होने के बावजूद छात्राओं को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है, जो कि न्याय संगत नहीं है।
ये शिकायत भी आईं सामने
साहू के अनुसार इस छात्रावास में भोजन के अलावा अन्य समस्याएं भी सामने आई। उन्हें छात्राओं ने बताया कि तेल, साबुन, टूथपेस्ट, नाश्ता और अन्य आवश्यक सामग्री उन्हें नहीं दी जाती है। मांगने पर छात्राओं को धुतकारा जाता है कि उनके घरों वालों ने सामग्री नहीं दी है। रात्रि कालीन समय में अधीक्षिका छात्राओं के साथ नहीं रहतीं हैं। कमरों में पंखे, टीवी बंद पाए गए। भोजन का मेनू चार्ट भी छात्रावास में नहीं लगाया गया है। बिजली नहीं होने पर छात्राओं को स्वयं पानी भरना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा भी छात्रावास में नहीं मिलती है। इसके अलावा छात्रावास में एक कॉलेज छात्रा भी रहकर पढ़ाई कर रही है, जबकि छात्रावास स्कूली छात्राओं का है। सभी समस्याओं को लेकर पंचनामा तैयार किया गया है।
वर्सन
हमारे द्वारा पूर्व में सभी छात्रावासों में पत्र जारी कर व्यवस्थाओं में सुधार लाए जाने की बात कही गई थी। बावजूद इसके इस तरह अव्यवस्थाएं छात्रावास में बनी हुई है, जो कि गंभीर विषय है। छात्राओं को बेजा अभाव में गुजर बसर करना पड़ रहा है। पूरे मामले में वरिष्ठों को अवगत कराया गया है।
हेमेन्द्र साहू, जनपद उपाध्यक्ष बिरसा
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