प्राचार्य ने भांजे को रखा कम्प्यूटर ऑपरेटर, गैर मौजूदगी के बाद मानदेय के लिए भेजा डिमांड
बालाघाटPublished: Mar 08, 2021 02:03:59 pm
उत्कृष्ट विद्यालय कटंगी का मामला, मप्र शिक्षक संघ ने जताया विरोध
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बालाघाट. शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कटंगी के प्रभारी प्राचार्य एसपी डहरवाल पर अपने भांजे (कम्प्यूटर ऑपरेटर) अनिल भौरगढ़े को गलत तरीके से मानदेय (आर्थिक लाभ) प्रदान करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले को लेकर मप्र शिक्षक संघ तहसील शाखा कटंगी के अध्यक्ष संजय वर्मा ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को शिकायत करते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है।
पूरा मामला उत्कृष्ट विद्यालय में आउटसोर्सिंग के जरिए साल 2019-20 में रखे गए कम्प्यूटर ऑपरेटर के मानदेय से जुड़ा हुआ है। शिक्षक संघ की शिकायत अनुसार उत्कृष्ट विद्यालय में 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर रखे गए थे। जिनमें एक प्रभारी प्राचार्य का भांजा अनिल भौरगढ़े भी शामिल है। गत वर्ष जब वैश्विक माहमारी कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगाया गया, तो सारी शैक्षणिक संस्थानें बंद थी। शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ अन्य सभी तरह के कार्यालयीन काम-काज बंद थे। ऐसे में प्रशासनिक आदेश पर उत्कृष्ट विद्यालय के आउटसोर्स पर रखे गए 3 कम्प्यूटर ऑपरेटरों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसमें कम्प्यूटर ऑपरेटर अनिल भौरगढ़े शामिल नहीं थे। चूकिं वह सिवनी जिले के निवासी थे और आवागमन बंद होने की वजह से वह नहीं आ पाएं। लेकिन उनकी गैरमौजूदगी के बावजूद प्रभारी प्राचार्य ने अपने पारिवारिक संबंधों के चलते उसे 7 माह का मानदेय देकर आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। अब इस मामले को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है, तो अधिकारी जांच करने की बात कह रहे हैं। वहीं प्रभारी प्राचार्य डिमांड रोकने की।
उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विद्यालय कटंगी में 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर आउटसोर्स के जरिए रखे गए थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने अक्टूबर 2020 में एक आदेश दिए इसके बाद इन कर्मचारियों को हटा दिया गया। हालाकि इसके पहले भी लॉकडाउन की वजह से यह सेवाएं नहीं दे रहे थे। लेकिन फिर भी प्रभारी प्राचार्य ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को डिमांड भेजकर मानदेय दिलवाया। वहीं अक्टूबर महीने के बाद आउटसोर्स पर रखे गए यह कर्मचारी स्कूल नहीं आ रहे है। लेकिन इसके बाद फिर प्रभारी प्राचार्य ने मानदेय के लिए डिमांड बनाकर भेज दिया गया। शिक्षक संघ के अनुसार प्रतीत होता है कि प्रभारी प्राचार्य जानबूझकर आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को आर्थिक लाभ प्रदान कर रहे हैं। वह भी खासतौर से अपने भांजे को जो लगातार गैरमौजूद है। लेकिन फिर भी मानदेय ले रहे हैं। इस मामले में शीघ्र जांच की मांग की गई है।