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जिले की धार्मिक नगरी रामपायली पर्यटन नगरी के रूप में होगी विकसित

locationबालाघाटPublished: Oct 08, 2023 08:49:00 pm

Submitted by:

mukesh yadav

विभिन्न कार्यो के लिए 20 करोड़ की मिली मंजूरी
श्रीराम गमन को दर्शाते चित्रों को संजोने संग्रहालय का होगा निर्माण
विकसित उद्यान, पार्किंग, शौचालय के अलावा करवाए जाएंगे अन्य निर्माण कार्य
मप्र केबिनेट से मिली मंजूरी, निर्माण एजेंसी के रूप में राज्य पर्यटन निगम को सौंपी गई जिम्मेदारी
रामपायली सहित जिलेवासियों में खुशी की लहर

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बालाघाट. जिले की धार्मिक नगरी रामपायली शीघ्र ही पर्यटन नगरी के रूप में भी जानी जाएगी। यहां के प्रसिद्ध श्रीराम बालाजी मंदिर के निर्माण कार्यो के लिए प्रदेश सरकार ने करीब 20 करोड़ रुपए की राशि विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए स्वीकृत कर प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी कर दी है। वहीं कार्य एजेंसी तक निर्धारित कर दी गई है। सबकुछ ठीक चला तो तीन राज्यों में प्रसिद्ध श्रीराम बालाजी मंदिर की ख्याती पूरे देश और विदेशों में भी पहुंचेगी। जिले में पर्यटन के नए आयाम शुरू होने के साथ ही जिले को एक नई पहचान और रोजगार के साधन भी मुहैया हो पाएंगे।
वनवास के समय पहुंचे थे श्रीराम
जिला मुख्यालय से 25 किमी. पश्चित दिशा की तरफ रामपायली नगरी विद्यमान है। यहां का प्रसिद्ध श्रीराम बालाजी मंदिर भगवान श्रीराम के वनगमन की कई ऐतिहासिक धरोहरों और मान्यताओं को समेटे हुए हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्षो के वनवास के समय इस नगरी में पधारे थे। तब से इस नगरी का नाम राम पदावली अर्थात रामपायली हो गया। यहां प्रभु श्रीराम के दर्शन करने लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। देश के नक्शे में भी यह ऐतिहासिक मंदिर अपनी अलग पहचान बना रहा है।
600 साल पुराना हैं मंदिर
बताया जाता है कि श्रीराम मंदिर का निर्माण करीब 600 वर्ष पूर्व भंडारा जिले के तत्कालीन मराठा भोषले ने नदी किनारे एक किले के रुप में वैज्ञानिक ढंग से कराया था। मंदिर में ऐसे झरोखों का निर्माण है, जिससे सूर्योदय के समय सूरज की पहली किरण भगवान श्रीराम बालाजी के चरणों में पड़ती है। भारत के प्राचीन इतिहास में इस मंदिर के निर्माण का उल्लेख है। यहां के लोगों का मानना है कि मंदिर इतना सिद्ध स्थल है कि स्वयं भगवान सूर्यदेव भी उदय होने पर सबसे पहले प्रभु श्रीराम के चरण स्पर्श करते हैं।
मंदिर परिसर में इन कार्यो की मिली स्वीकृति
कार्य राशि
नदी घाट सह शेड निर्माण 60 लाख रुपए
सार्वजनिक शौचालय 40 लाख रुपए
पार्किंग स्थल पर शेड निर्माण 25 लाख रुपए
शांपिग कांपलेक्स निर्माण 40 लाख रुपए
मुक्तिधाम/मोक्षधाम निर्माण 20 लाख रुपए
बगीचा, उद्यान 25 लाख रुपए
यात्री प्रतीक्षालय/ ठहरने हेतू 40 लाख रुपए
संग्रहालय के लिए 17.40 करोड़ रु
कुल योग- 20 करोड़ करीब
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