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बालाघाट

Honoerd-विभाजन की विभिषिका झेलने वाले सदस्यों का किया सम्मान

भारत के विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्यौछावर करना पड़ा, उन परिवारों को नमन करने में लिए बुधवार को नगर पालिका में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बालाघाट. भारत के विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्यौछावर करना पड़ा, उन परिवारों को नमन करने में लिए बुधवार […]

बालाघाटAug 14, 2024 / 09:46 pm

Bhaneshwar sakure

विभाजन विभीषिका

कार्यक्रम को संबोधित करते पूर्व मंत्री।

भारत के विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्यौछावर करना पड़ा, उन परिवारों को नमन करने में लिए बुधवार को नगर पालिका में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बालाघाट. भारत के विभाजन के दौरान जिन परिवारों के सदस्यों को प्राण न्यौछावर करना पड़ा, उन परिवारों को नमन करने में लिए बुधवार को नगर पालिका में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में कलेक्टर मृणाल मीणा ने कहा कि जो परिवार इस स्थिति से गुजरे हैं, उन परिवारों का संघर्ष सबसे अलग है। उन परिवारों को किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा, इसकी पुनरावृति आगे नहीं होनी चाहिए। इसके लिए ऐसे प्रयास करने होंगे, जिससे ऐसी पुनरावृति न हो। उस वक्त को याद करते हुए दिनचर्या में याद करके हमें देश की सेवा में भूमिका निभानी होगी, तभी देशभक्ति का मतलब सार्थक होगा।
पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत काल मना रहे है। विभाजन को याद करते हुए आज भी रोंगटे खड़े हो जाते है। आजादी की लड़ाई में शहीदों को नमन करते हुए लोगों को नमन करना चाहिए। राष्ट्र की जनता में देशभक्ति व राष्ट्र भावना नहीं होगी तो देश मजबूत नहीं होगा। नपा अध्यक्ष भारती पारधी ने कहा कि विभाजन की विभीषिका एक काला दिन था। वो परिवार जिन्होंने विभाजन के दंश को झेला है आज वे कहीं न कहीं जीवन यापन कर रहें है। उन परिवारों के साथ सरकार सहानुभूति के साथ खड़ी हुई है।
विभाजन विभिषिका पर हुई चर्चा
वर्ष 2021 से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। नपा में इस दिवस को दर्शाने के लिए चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्य गाथाओं का स्मरण किया गया। इस दौरान विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस पर 1947 के बंटवारे के समय झेले गए दर्द को बयां किया गया। कार्यक्रम में पीड़ा झेलने वाले सदस्यों ने बताया कि किस तरह से उनके परिवारों पर यातनाएं दी गई कि आज भी उन्हें सबकुछ स्मरण है। उस वक्त का दृश्य झकझोर कर रख देने वाला था। लाहौर से अमृतसर तक आने वाले रेलगाड़ी रक्त रंजित थी। जहां रेलवे स्टेशन पर आरएसएस ने भोजन आदि की व्यवस्थाएं की और सभी का ख्याल रखने की कोशिशें की थी। विभाजन विभिषिका का आशय यही है कि हमारा देश आजादी के समय हुए बंटवारें जैसी यातनाओं से सुरक्षित रहे। कार्यक्रम के दौरान रुपचंद सचदेव, रमेश मंगलानी, साजनदास करड़ा, श्यामलाल गुरनानी, घनश्याम दास कावरे का सम्मान किया गया।

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