बैठक में बाल संरक्षण संबंधी योजनाओं की हुई समीक्षा
बालाघाटPublished: Aug 24, 2019 08:41:05 pm
बालाघाट में बाल सम्प्रेषण गृह प्रारंभ करने लिखा जाएगा शासन को पत्र-कलेक्टर
बैठक में बाल संरक्षण संबंधी योजनाओं की हुई समीक्षा
बालाघाट. बाल संरक्षण संबंधी योजनाओं की समीक्षाओं के लिए शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में बाल संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में जिपं अध्यक्ष रेखा बिसेन, सहायक कलेक्टर अक्ष्य तेम्रावाल, सहायक संचालक वंदना धूमकेती, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरसी पनिका, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य नमिता चिले, डीडीआरसी की साईकोलाजिस्ट अंजू मेश्राम, श्रम पदाधिकारी पीएल पिछोड़े, रमाई खुला आश्रय गृह के संचालक और अन्य सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि देखरेख, संरक्षण की आवश्यकता वाले 06 से 18 वर्ष तक की आयु के बालकों के लिए बालाघाट में स्नेहछाया बालगृह भटेरा रोड बालाघाट में और रमाई खुला आश्रय गृह जैन अस्पताल के पास मोतीनगर बालाघाट में संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा फास्टर केयर योजना, स्पांसरशिप योजना भी संचालित की जा रही है। बाल संरक्षण के लिए किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति भी संचालित है। स्नेह छाया बालगृह में 500 बच्चों को रखने की क्षमता है और इसमें वर्तमान में 8 बालक रह रहे है। रमाई खुला आश्रयगृह में 25 बालकों की क्षमता है और यह भरा हुआ है। फास्टर केयर योजना के प्रारंभ होने से लेकर अब तक 144 बच्चों को इसमें लाभांवित किया गया है। इसमें से 25 बच्चों को चालू वित्तीय वर्ष में लाभांवित किया गया है। बाल संरक्षण समिति द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम पाक्सो का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि यदि किसी बालक के विरूद्ध अपराध किए जाने की संभावना हो या अपराध हुआ है तो चाइल्ड लाइन 1098, विशेष किशोर पुलिस इकाई व स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट की जा सकती है। बैठक में बताया गया कि अपराधों में लिप्त पाए गए बालकों को रखने के लिए बालाघाट में व्यवस्था नहीं है। बालाघाट में बाल सम्प्रेषण गृह बन चुका है, लेकिन उसके स्टाफ नहीं है। ऐसे बालकों को सिवनी के बाल सम्प्रेषण गृह में रखा जाता है। कलेक्टर आर्य ने इसके लिए बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया कि वे जिला प्रशासन की ओर से बालाघाट में बाल सम्प्रेषण गृह प्रारंभ करने के लिए शासन को पत्र लिखवाएं।