script

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

locationबालाघाटPublished: Dec 11, 2019 08:46:31 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

कॉलेज के विद्यार्थियों ने लिया हिस्सा

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम विषय पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

बालाघाट. तंबाकू नियंत्रण कानून और तंबाकू के उपयोग द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता लाने के मकसद से भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मंगलवार को नगर की उच्च शैक्षणिक संस्थान शासकीय महाविद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य समिति नोडल अधिकारी कल्पना धुर्वे, मीडिया प्रभारी लता कटरे, बीई जानकारी हरिनखेड़े, परामर्शदाता चन्द्रदीप साहू शामिल हुए। प्रभारी प्राचार्य अनिल कुमार शेंडे, डॉ कुसुमलता उइके की उपस्थिती में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान तंबाकु नियत्रंण विषय पर संगोष्टि हुई। जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इनमें तीन प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान देते हुए आयोजन समिति की ओर से प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
नोडल अधिकारी कल्पना धुर्वे ने तंबाकु के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव व इससे बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बालाघाट जिले में अधिकांश महिलाएं तंबाकु से होने वाली खतरनाक बीमारियों से जूझ रही है। युवा समाज नशे को मानसिक तनाव या फैशन के रुप में उपयोग कर रहा है। जिससे भविष्य में काफी परेशानियां व बीमारियां जन्म लेगी। उन्होंने धारा 6 ए जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध है के बारे में जानकारी दी। धारा 6 बी जिसमें किसी भी स्कूल कॉलेज की 100 मीटर की दूरी मादक पदार्थ विक्रय करने पर सजा के प्रावधान के बारे में बताया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि अगर कहीं भी उक्त धाराओं को उल्लघंन होते दिखाई दे तो जिला चिकित्सालय या नजदीकी थाने में तत्काल इसकी सूचना दे ताकि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सकें।
उन्होंने बताया कि तम्बाकू का उपयोग गुटखा, पाउच व बीड़ी सिगरेट के रुप में करते है तो इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक धूम्रपान है। चूकिं बीड़ी-सिगरेट से निकलने वाला धुंआ सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है। तंबाकु मुंह से लेकर शरीर के अन्य दूसरे जरूरी अंग पर प्रभाव करता है। तम्बाकू या गुटखा लगातार खाने वालों की जीभ, जबड़ों और गालों के अंदर सेंसेटिव सफेद पेच बनने लगते हैं और उसी से मुंह में कैंसर की शुरुआत होती है. जिसके बाद धीरे-धीरे मुंह का खुलना बंद हो जाता है और मुंह में कैंसर फैल जाता है। विद्यार्थियों ने बारी-बारी से तंबाकू नियत्रंण पर अपने विचार रखें। अपने आस-पास के लोगों को जागरूकता लाने की बात कही।

ट्रेंडिंग वीडियो