बालाघाट

शंकरशाह रघुनाथशाह को आदिवासी समाज ने किया याद

मॉयल नगरी उकवा में आदिवासी समाज द्वारा अमर शहीद शंकरशाह मरावी व रघुनाथशाह मरावी की 161 वी जयंती १८ सितम्बर को मनाई गई।

बालाघाटSep 18, 2018 / 08:08 pm

mahesh doune

शंकरशाह रघुनाथशाह को आदिवासी समाज ने किया याद

बालाघाट. मॉयल नगरी उकवा में आदिवासी समाज द्वारा अमर शहीद शंकरशाह मरावी व रघुनाथशाह मरावी की 161 वी जयंती १८ सितम्बर को मनाई गई। इस अवसर पर जगनटोला में शंकरशाह और रघुनाथशाह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई। तत्पश्चात् बैण्ड व डीजे की धुनों पर नगर में शोभायात्रा निकाली गई। जो नगर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण करते हुए कार्यक्रम स्थल पर वापस पहुंच संपन्न हुई। शोभायात्रा में शंकरशाह व रघुनाथशाह की जीवंत झांकी आर्कषक रही।
प्रतिमा स्थापित करने हुआ भूमिपूजन
कार्यक्रम में परसवाड़ा जनपद अध्यक्ष सुशीला सरोते, गोंगपा महिला मोर्चा अध्यक्ष हीरासनबाई उइके, जनपद सदस्य सुरेखा बडोले, शांतीराम कुशराम, जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पन्द्रे, सचिव संघ अध्यक्ष भजन वल्के, रामकिशोर मड़ावी, दादा मसराम बतौर अतिथि शामिल रहे। इस दौरान अतिथियों के हाथों आदिवासी समाज के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित करने भूमिपूजन किया गया। तत्पश्चात सूर्या मैदान में मंचीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आपस में एकजुट होकर चुने अपना नेता
इस दौरान अतिथियों ने कहा कि आज भी आदिवासी समाज काफी पिछड़ा हुआ है। शासन की योजनाओं का लाभ आदिवासी वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले गोण्ड बैगाओं को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के विकास व उत्थान के लिए सभी को एकजुट होकर अपना नेता बनाना होगा। उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि जब तक हम अनुसूचित जाति व जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग आपस में एक नहीं होंगे आगे नहीं बढ़ सकते है। हमारी संख्या 85 प्रतिशत है उसके बावजूद भी 15 प्रतिशत वाले हमारे ऊपर राज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने बीच से ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री बनाना होगा तभी हमारे समाज का विकास व उत्थान होगा। समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने हम सभी को प्रयास करना होगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी प्रस्तुती
इस अवसर पर जय सेवा सच बोल के नाच पार्टी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित रहे।

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