जराहमोहगांव में पानी के लिए त्राहिमाम
बालाघाटPublished: Apr 07, 2019 08:46:31 pm
जलस्तर गिरा, साइकिल से ढो रहे पानी, स्थिती भयावह
जराहमोहगांव में पानी के लिए त्राहिमाम
कटंगी। गर्मी के दस्तक देते ही मुख्यालय से 15 किमी. दूर ग्राम पंचायत जराहमोहगांव में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। अप्रैल महीने में पड़ रही तेज गर्मी के कारण गंाव का भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इस कारण हंैडपंपों से पानी निकालना बहुत मुश्किल हो गया है। गांव में नल-जल योजना ठप्प पड़ गई है। ग्रामीणों को पानी लेने के लिए जमीन में 7 फीट तक गढ्डा खोदना पड़ा है। आलम यह है कि ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए दूर जाकर साईकिल से पानी ढोना पड़ रहा है। दूसरी तरफ पानी की किल्लत का सीधा असर स्वच्छ भारत अभियान पर भी दिखाई दे रहा है। ग्रामीण मजबूरी में खुले में शौच को जा रहे हैं। महिलाओं की माने तो उनकी दिनचर्या की शुरूआत पानी जुटाने के साथ ही शुरू होती है और पूरा दिन ही पानी ढोना पड़ता है। फिलहाल स्थिती काफी भयावह है तथा अभी सुधार नहीं किया गया तो बदतर हालात बन सकते है।
ग्रामीणों के मुताबिक गांव की आबादी लगभग 4560 है। इस लिहाज से गांव की पानी टंकी काफी छोटी है। जिसके चलते गांव के सभी 20 वार्डों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है। मौजूदा वक्त में करीब 290 नल कनेक्शन है। सर्वाधिक परेशानी वार्ड क्रमांक 12 से लेकर वार्ड क्रमांक 20 के ग्रामीणों को उठानी पड़ रही है। गर्मी के मौसम में जलस्तर कमजोर होने के कारण इन वार्डों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों ने पानी के लिए 7 फीट का गढ्डा तक खोद रखा है। लेकिन इसके बावजूद मात्र 1 से 2 बाल्टी पानी बड़ी मुश्किल के बाद मिल पा रहा है। बहरहाल गांव में पानी की किल्लत के कारण नौनिहालों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। घर वालों की मदद करने के लिए बच्चों को कड़कड़ाती धूप में पानी लाना पड़ रहा है। जिससे इनके स्वास्थ्य पर असर पडऩे की प्रबल संभावनाएं है। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए पेयजल समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
पंच सीता मरठे एवं ग्रामीण सुखचंद ठाकरे, राधेश्याम पंचेश्वर, रमेश मरठे, हेमराज पंचेश्वर, भोलाराम, कमलेश, राजेश कावरे, लोचनलाल मातरे, राजू मानेश्वर, छबि मरठे, राजकुमार बाहेश्वर, दिलीप बाहेश्वर, डालेश, मनीराम पटले, दीनदयाल पंजरे, दौलत सिंगनदुपे, तोमेन्द्र जमरे सहित अन्य से मिली जानकारी अनुसार गांव में लगभग 3 दर्जन से भी अधिक हंैडपंप है। मगर अधिकांश हंडपंप भूजल स्तर कमजोर होने के कारण दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। इन हंैडपंपों से लगातार पानी नहीं निकल रहा है। कुछ देर चलने के बाद सारे हवा छोड़ते हैं। दरअसल गर्मी के दस्तक देते ही जल स्तर काफी नीचे चला गया है। कहने के लिए तो विभाग की ओर से सभी गांवों के हंैडपंपों को दुरस्त कर लिया गया है, लेकिन हकीकत तो यह है कि दर्जनों गांवों में हंैडपंप एक बाल्टी पानी भरते-भरते दम तोड़ देते हैं।