बालाघाट

जंगल से काटे जा रहे सागौन, सो रहा वन अमला

जंगलों में सक्रिय हुए वन माफिया, वन विकास निगम लामता के पादरीगंज सर्किल का मामला

बालाघाटOct 27, 2021 / 10:14 pm

Bhaneshwar sakure

जंगल से काटे जा रहे सागौन, सो रहा वन अमला

बालाघाट. जंगल में वन माफिया सक्रिय हो गए हैं। बेशकिमती सागौन के पेड़ों पर खुलेआम कुल्हाड़ी चल रही है। बावजूद इसके वन अमला सो रहा है। इससे न केवल शासन को राजस्व की क्षति हो रही है। बल्कि विभाग के कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगने लगा है। मामला वन विकास निगम लामता प्रोजेक्ट डिवीजन बालाघाट के अंतर्गत परियोजना परिक्षेत्र लामता के पादरीगंज सर्किल का है। जंगल में पेड़ों की कटाई के ताजा निशान और काटे गए पेड़ों के ठूठ अभी भी देखे जा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार पादरीगंज सर्किल में निगम के जंगलों में वन माफिया पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। विडम्बना यह है कि माफिया खुलेआम जंंगल में पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। सिल्लियां तैयार कर रहे हैं। लेकिन वन अमले की निगाहें इन पर नहीं पड़ रही है। बताया जा रहा है कि वन माफिया ने सैकड़ों पेड़ों को काटकर गायब भी कर दिया है। इतना ही नहीं माफिया द्वारा सागौन के पेड़ों को काटकर उनकी तस्करी भी कर दिए। लेकिन अभी तक वन अमले ने इन माफिया को न तो पकड़ पाए और न ही कोई कार्रवाई की। जिसके चलते माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर जंगलों में पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। जिसके निशान अभी भी जंगलों में मौजूद है।
नहीं हो रही गश्ती
वन माफिया के सक्रिय होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जंगल में वन अमले द्वारा गश्ती नहीं की जा रही है। जिसका फायदा माफिया उठा रहे हैं। जबकि निगम द्वारा जंगल में गश्त करने का दावा किया जाता है, लेकिन उनके दावों की पोल जंगल में मिल रहे कटे हुए पेड़ों से खुल रही है। बताया गया है कि पादरीगंज सर्किल में प्रभारी रेंजर भीमटे और वनपाल मेश्राम पदस्थ हैं। जिनकी जिम्मेदारी जंगल में निगम द्वारा लगाए गए पेड़ों की सुरक्षा की है। लेकिन इन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी लापरवाही बरती जा रही है।
अन्य जिलों में भी होती है तस्करी
वन माफिया द्वारा सागौन के पेड़ों की अवैध रुप से कटाई कर उनकी तस्करी बालाघाट जिले के अन्य गांवों के अलावा सिवनी, मंडला जिले में तस्करी की जाती है। माफिया द्वारा वनोपज की तस्करी या तो जंगल के रास्ते या फिर मुख्य मार्ग से की जाती है। बावजूद इसके वन विभाग द्वारा माफिया पर कार्रवाई नहीं की जाती है।
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