बालाघाट

तीजा उपासिकाओं ने किया गौर विसर्जन

रतजगा कर किया भजन कीर्तन, सुबह से नदी तालाबों में विसर्जनन के लिए रही भीड़

बालाघाटSep 14, 2018 / 11:34 am

mukesh yadav

तीजा उपासिकाओं ने किया गौर विसर्जन

बालाघाट. महिला व कन्याओं ने रात दिन का हरितालिका (तीजा) का निर्जला उपवास कर गुरूवार की सुबह पूजा अर्चना कर विधि-विधान से गौर विसर्जन किया। सुबह से ही गौर विसर्जन करने महिलाओं की नदी, तालाब व नहरों में भीड़ रही। महिला ने पूरे सोलह श्रृंगार के साथ समूह के रूप में नदी तालाब में गौर विसर्जन किया। इसके बाद एक दूसरे को कुमकुम लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना की।
गुरूवार प्रात: से ही नगर के मोतीनगर स्थित मोतीतालाब, जागपुर घाट, गर्रा घाट, शंकरघाट, ढीमरटोला, गायखुरी घाट में मेला जैसा माहौल रहा। गौर विसर्जन कर एक दूसरे को भुजलियां व प्रसाद वितरण के साथ सुहागन महिलाओं ने हल्दी कुमकुम लगा सदा सुहागन रहने की कामना की।
रतजगा कर किया भजन कीर्तन
तीजा वृत पर रात्रि में महिलाओं ने घरों में सुंदर फुलेरा सजा भगवान शिव पार्वती की पूजा आराधना कर रात भर भजन कीर्तन किया। शिव पुराण के मुताबिक माता पार्वती ने भी भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत रखा था। माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए काफी तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकर किया था।
मां पार्वती को चढ़ाई पूजन सामग्री
व्रत रखने वाली महिलाएं रश्मि यादव, मेघा विश्वर्मा ने बताया कि उन्होंने इस कठिन व्रत को रखा। माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करने का विधान है। व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन सुहाग की डिब्बी में सुहाग से संबंधित सभी चीजें रखती हैं और उन्हें मां पार्वती को चढ़ाती हैं और वहीं शिवजी को धोती और अंगोछा अर्पित किया जाता है।
दूर होती है समस्याएं
बताया जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं। विवाहित लोगों के रिश्तों में मिठास आती है और उनके रिश्तों में कभी भी कड़वाहट नहीं आती। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

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