एचसीएल से मिली एंबुलेंस का पंजीयन था न चालक, आक्रोशित हुए ग्रामीण
बालाघाटPublished: Aug 09, 2022 10:33:34 pm
सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने किया करीब चार घंटे तक विरोध प्रदर्शनकरीब डेढ़ माह पूर्व एचसीएल ने भेंट सीएचसी को भेंट की थी एंबुलेंस
एचसीएल से मिली एंबुलेंस का पंजीयन था न चालक, आक्रोशित हुए ग्रामीण
बालाघाट/बिरसा. ताम्र परियोजना मलाजखंड से सीएचसी बिरसा को मिली एंबुलेंस का न तो पंजीयन हो पाया है और न ही उसमें चालक है। करीब डेढ़ माह से एंबुलेंस अस्पताल में शोभा की सुपारी बना हुआ है। इधर, मंगलवार को सड़क दुर्घटना में घायलों को सीएचसी से जिला चिकित्सालय रेफर करने के दौरान उन्हें अन्य एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। जिसके कारण ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने सीएचसी के सामने ही चकाजाम प्रदर्शन कर दिया। यह प्रदर्शन करीब चार घंटे तक चलते रहा। हालांकि, बाद में एसडीएम से मिले आश्वासन के बाद उन्होंने अपना प्रदर्शन समाप्त किया।
जानकारी के अनुसार विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में मंगलवार को बिरसा तहसील के आदिवासी समाज द्वारा विधिवत पूजा अर्चना के बाद मलाजखंड से बिरसा तक वाहन में रैली निकाली गई थी। इसी दौरान भीमझोरी से बिरसा के मध्य खुर्सीपार में बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें पंकज पिता राजकुमार (१८) निवासी चारटोला, साकिब पिता अनवर खान (१८) और अखिलेश पिता सुरेश (१६) निवासी चारटोला घायल हो गए। इस घटना में दो युवक गंभीर रुप से घायल हो गए। सभी घायलों को सीएचसी बिरसा लाया गया, जहां डॉक्टरों द्वारा घायलों की प्राथमिक उपचार उपरांत एंबुलेंस से बालाघाट रेफर कर दिया गया। रेफर के बाद आक्रोशित भीड़ ने सीएचसी बिरसा के सामने दोपहर करीब दो बजे से चकाजाम प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शाम करीब ६ बजे तक चलते रहा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एचसीएल से प्राप्त एंबुलेंस अस्पताल परिसर में खड़ी है, जिसे क्यों नहीं भेजा गया। गंभीर रूप से घायलों को एंबुलेंस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और यहां नई एंबुलेंस शोभा की सुपारी बनी हुई है। इधर, ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की सूचना मिलने पर एसडीएम तन्मय विशिष्ट शर्मा, तहसीलदार देवंती, एएसपी, टीआई मलाजखंड सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान एसडीएम ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की। उन्हें समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया।
सीएचसी में नहीं थे बीएमओ
करीब डेढ़ माह पूर्व जहरीली गैस से जो दुर्घटना हुई थी उस समय भी सीएचसी बिरसा में बीएमओ उपस्थित नहीं थे और मंगलवार को भी इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी बीएमओ सुनील सिंह यहां उपस्थित नहीं थे। ज्ञात हो कि इतना बड़ा सीएचसी में जब मुखिया ही नहीं रहेगा तो इलाज कैसे संभव हो पाएगा। बीएमओ दमोह में पदस्थ है और वही से बिरसा आना-जाना करते हैं। लेकिन दोनों समय दुर्घटना के समय यहां बीएमओ उपस्थित नहीं थे। जिसके कारण भी ग्रामीण ज्यादा आक्रोशित हो गए।