scriptजंगल की सुरक्षा में चूक- | The defenses in the security of the forest- | Patrika News

जंगल की सुरक्षा में चूक-

locationबालाघाटPublished: Mar 28, 2019 04:09:12 pm

Submitted by:

mukesh yadav

जंगल में कट रहे इमारती लकड़ी

katai

जंगल की सुरक्षा में चूक-

कटंगी। वन परिक्षेत्र कटंगी अंतर्गत आने वाले सीतापठोर सर्किल में दुल्हापुर बीट के जंगल से बड़ी मात्रा में इमारती लकड़ी के लिए लकड़ी तश्करों के द्वारा पेड़ काटे जा रहा है। जिससे शनै-शनै जंगल नष्ट हो रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार वन रक्षक बादल जामुनकर को इस जंगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। वह माफियाओं के साथ मिलकर मौज मार रहा है। सूत्रों की माने तो वन रक्षक और लकड़ी तश्करों के आपसी सांठ-गंाठ होने की वजह से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। वहीं इस कटाई से मिलने वाले कमीशन पर वनरक्षक पीपरवानी में सट्टा-जुआ खेल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल से इमारती लकड़ी के साथ-साथ जलाऊ लकड़ी का कारोबार भी दिनों-दिन व्यापक स्तर पर फल फूल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि वह अगर जंगल से जलाऊ लाए तो वनरक्षक धौंस जमाकर डरा-धमका करता है, जबकि माफियाओं को संरक्षण दे रखा है। जिसके चलते लकड़ी तश्कर दिन-दहाड़े पेड़ों पर आरी और कुल्हाड़ी चला रहे है।
दुल्हापुर और इसके आस-पास के अन्य जंगल का रकबा धरातल पर तेजी से कम होता जा रहा है। जंगल से इन दिनों बड़ी मात्रा में सागौन, साल व बीजा लकड़ी जैसे कीमती इमारती लकड़ी के लिए पेड़ काटे रहे हैं। दुल्हापुर के जंगल में लकड़ी तस्करों ने इमारती लकड़ी के आधा दर्जन से अधिक पेड़ों को काट डाला है। लकड़ी तस्करों के द्वारा रात के समय इन पेड़ों को कुल्हाड़ी से काटा जाता है और समय रहते ही लकड़ी को ठिकाने लगा दिया जाता है। इस कटाई की जानकारी वन रक्षक को होती है। बता दें कि इस जंगल पर इमारती लकड़ी के लिए तस्करों की हमेशा गिद्ध दृष्टि लगी रहती है। मौका पाते ही लकड़ी तस्कर जंगल में सागौन के वृक्षों का बड़े पैमाने पर अवैध कटान कर लकड़ी को साफ कर जाते है। एक दो दिन पूर्व लकड़ी तस्करों ने जंगल में साजा-बीजा और सागौन के वृक्षों का काटा है। लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार गहरी नींद में सोए हुए हैं।
क्षेत्र में अफसरों की अनदेखी से इमारती लकड़ी के लिए हरे-भरे पेड़ों का सफाया हो रहा है। पिछले कई दिनों से कोयलारी और दुल्हापुर के आसपास जंगल में बड़ी तादाद में इमारती और कीमती पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक बीते कुछ महिनों में बेरोक टोक पेड़ों की कटाई के चलते 20-30 से अधिक पेड़ों की जगह सिर्फ ठूंठ रह गए है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अफसर स्थिति से जानकर भी अनजान बन रहे हैं। संरक्षण के चलते लकड़ी माफिया सक्रिय है। पेड़ों की कटाई के अलावा वन क्षेत्र में पत्थर का उत्खनन भी किया जा रहा है। उधर अफसरों ने वस्तुस्थिति का पता लगाकर सख्त कार्रवाई की बात कही है।
वर्सन
परिक्षेत्र सहायक को मौके पर भेजकर पता लगाया जाएगा तथा जांच कर मामला दर्ज कर आरोपियों को पता लगाया जाएगा।
हिमांशु राय, वन परिक्षेत्र अधिकारी कटंगी
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