बेहोश बच्चे को बचाने बड़ी मां ने तय किया पांच किमी का पैदल सफर
सूचना मिलने पर नहीं पहुंची थी एंबुलेंस
मधुमक्खी के काटने से घायल हुआ मासूम
परसवाड़ा क्षेत्र के ग्राम कुकड़ा गांव की घटना
बालाघाट
Published: May 26, 2022 10:18:00 pm
बालाघाट/परसवाड़ा. बेहोश बच्चे को बचाने के लिए बड़ी मां ने न केवल पथरीले रास्तों पर पांच किमी का पैदल सफर तय किया। बल्कि पैदल अस्पताल पहुंचकर बच्चे को नई जिंदगी देने के लिए डॉक्टरों से गुहार भी लगाई। मामला परसवाड़ा क्षेत्र के ग्राम कुकड़ा का है। कुकड़ा गांव निवासी फुलवती तेकाम का दो वर्षीय भतीजा मधुमक्खियों के काटने से घायल हो गया था। मासूम को बचाने के लिए महिला ने पहले १०८ एंबुलेंस को सूचना दी। समय पर एंबुलेंस के नहीं पहुंचने के पर वह स्वयं बच्चे को लेकर पैदल चलकर अस्पताल पहुंची। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलकर रख दी है।
घायल बालक संतराम पिता इंदल सिंह तेकाम की बड़ी मां फुलवती तेकाम ने बताया कि मंगलवार को वह बांस काटने जंगल नहरा नदी की ओर गए थे। सिर पर बांस का गठ्ठा और बच्चे को गोद मेें रखकर घर लौट रही थी। तभी कुछ ही दूरी पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। इस दौरान मधुमक्खियों ने बच्चे को भी कांट लिया। बचाव के लिए बांस के गठ्ठे को नीचे फेंककर वह बच्चे सहित नदी में कूदकर अपनी जान बचाई। किसी तरह वे घर पहुंचे। बच्चे की हालत को देखते हुए मंगलवार की शाम 4 बजे एंबुलेंस को फोन किया गया। १०८ एंबुलेंस ने आधे घंटे में पहुंचने की बात कही। लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। मजबूरन रात भर बच्चे को साधन के अभाव में किसी तरह घर पर रखना पड़ा। जैसे-तैसे रात बीतने के बाद बुधवार की सुबह 6 बजे पुन: एक बार फिर से १०८ एंबुलेंस को फोन किया गया। फिर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। विडम्बना यह है कि मासूम एक रात और पूरा दिन अचेत रहा। दूसरे दिन बुधवार को फुलवती तेकाम ने 5 किलोमीटर के पथरीले रास्ते पर पैदल सफर तय कर ग्राम चीनी पहुंची। यहां पर एक बाइक सवार से सहायता ली। बाइक सवार की मदद से वह परसवाड़ा अस्पताल पहुंची। जहां मासूम का उपचार शुरू हुआ। जहां डॉक्टरों ने उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए मासूम को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया।
सिर पर नहीं मां का साया, पिता है दिव्यांग
मासूम संतराम के सिर से मां का साया बचपन से ही नहीं रहा है। बच्चे के जन्म के बाद ही माता का स्वर्गवास हो गया। दो वर्ष पूर्व वन्य जीव भालू के हमले से पिता भी घायल हो गया था, जो फिलहाल दिव्यांग हो गया है। फुलबती ने बताया कि बच्चे के पिता इंदलसिह तेकाम को भी मधुमक्खियों ने काटा है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में वह अस्पताल तक नहीं पहुच पाया।
इधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसवाड़ा के चिकित्सक दीपक कुंभरे ने बताया कि बच्चे की हालत सामान्य है। अस्पताल पहुंचते ही बालक का उपचार किया गया। मधुमक्खियों के कांटे निकलवा दिए गए। बेहतर उपचार के लिए उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया है।

बेहोश बच्चे को बचाने बड़ी मां ने तय किया पांच किमी का पैदल सफर
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