बालाघाट

नहीं बनाया आवास, चार ठेकेदारों पर दर्ज हुआ अपराध

पीएम आवास के निर्माण नहीं करने का मामला, आदिवासी हितग्राहियों से लिए गए थे आवास के पैसे

बालाघाटMar 07, 2021 / 09:52 pm

Bhaneshwar sakure

नहीं बनाया आवास, चार ठेकेदारों पर दर्ज हुआ अपराध

बालाघाट/उकवा. पहले आवास निर्माण के नाम पर ली राशि, फिर आवास बनाने के नाम पर करते रहे टालमटोल। जब हितग्राहियों ने की इसकी शिकायत तो प्रशासन ने भी आवास बनाने के नाम पर टालमटोल करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ अपराध दर्ज करवा है। इन ठेकेदारों के खिलाफ रुपझर थाने में अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले में चार ठेकेदारों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 406, 506 व अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के अंतर्गत रूपझर थाने में अपराध दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवासों का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा हितग्राहियों से पूरी राशि ले लेने के बाद भी अब तक नहीं किए जाने के मामले को कलेक्टर दीपक आर्य ने गंभीरता से लिया है और उन्होंने इस प्रकरण में आरोपितों के विरुद्ध एफ आइआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर चार ठेकेदारों के विरुद्ध रूपझर थाने में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
ये है मामला
वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बैहर विकासखंड के ग्राम पोंडी (उकवा) के बैगा टोला के निवासी बैगा हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किए गए थे। ठेकेदार दलदला निवासी अंकुर गिरी गोस्वामी, पोंडी निवासी कपिल वर्मा, दलदला निवासी गुलाब बिसेन और पोंडी निवासी हेमंत बिसेन द्वारा बैगा हितग्राहियों से प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि ले लेने के बाद भी अब तक उनके आवास नहीं बनाए गए। जिसके कारण इन चारों ठेकेदारों के विरुद्ध रूपझर थाने में एफ आइआर दर्ज कर ली गई है। बैगा टोला पोंडी के बैगा हितग्राही काशीराम टेकाम द्वारा इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई थी। कलेक्टर आर्य द्वारा ऐसी ही कार्रवाई लांजी विकासखंड के ग्राम देवरबेली के मामले में करने के निर्देश दिए गए है।
उल्लेखनीय है कि बैगा बाहुल्य बैहर जनपद की ग्राम पंचायत पोंडी में वर्ष २०१७ में केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ३४ बैगा परिवारों के आवास स्वीकृत किए गए। इसके बाद यहां बैगा कॉलोनी का निर्माण किया जाना प्रस्तावित भी किया गया। अशिक्षित व पिछड़ेपन के कारण बैगाओं को किसी ने आवास का निर्माण ठेके पर दे दिए जाने की सलाह दी। बैगाओं ने ठेका भी दिया। लेकिन बैगाओं के अनुसार निर्माण ठेकेदार उनसे बैंक की निकासी पर्ची में अंगूठा लगाकर ले जाया करता था। ऐसा कर उनके खातों से पूरी राशि निकाल ली गई। लेकिन कॉलोनी के अधिकांश मकान पूर्ण नहीं किए गए हैं। जो किए गए हैं वे भी गुणवत्ता मानक के विपरीत नजर आते हैं। बताया गया कि ३४ में से करीब १४ मकान ऐसे हैं, जिनमें आधा काम भी नहीं किया गया है। बैगा हितग्राही दिनेश पिता पुनिया राउत और छैनू पिता फुलसिंग मरकाम के अनुसार मकान निर्माण के दौरान उनके द्वारा समय-समय पर पंचायत पदाधिकारियों को अवगत कराते गया। निर्माण में देरी को लेकर कई बार सवाल भी उठाए गए लेकिन किसी ने भी उनकी फरियाद नहीं सुनी। अंत में ठेकेदारों ने उनके खातों से पूरी राशि खर्च कर दी। लेकिन निर्माण अब भी अधूरा है। योजना की पूरी किस्त खर्च होने के बाद भी निर्माण अधूरा हो से वे स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे थे। जिनके द्वारा शिकायत भी की गई थी।
खंडहर हो गए आवास
बैगा हितग्राहियों की माने तो अधूरा आवास होने के कारण वे उक्त मकानों में नहीं रहे हैं। बारिश पानी झेलकर अधूरे निर्माण भी क्षतिग्रस्त होकर खंडहरनुमा स्थिति में पहुंच रहे हैं। यदि शीघ्र ही इन आवासों को पूर्ण नहीं किया जाता है तो जितना निर्माण किया गया है वह भी शेष नहीं रह जाएगा। एक बार फिर बैगा आदिवासी इस अति महत्वकांक्षी योजना से वंचित रह जाएंगे।
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