केन्द्र में लटका ताला ग्रामीण परेशान
बालाघाटPublished: May 16, 2019 07:32:08 pm
लिंगापौनार उपस्वास्थ्य केन्द्र में नहीं मिल रहा उपचार-
केन्द्र में लटका ताला ग्रामीण परेशान
कटंगी। मुख्यालय से 16 किमी. दूर लिंगापौनार में स्वास्थ्य सेवाओं को बहुत ही बुरा हाल है। स्वास्थ्य केन्द्र में सदा ही ताला लटका होने की वजह से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है। ग्रामीणों को 16 किमी. का सफर तय कर कटंगी आना पड़ रहा है या फिर मजबूरी में झोलाछाप डाक्टरों से उपचार कराना पड़ता है। जिसमें मरीजों को आर्थिक तथा मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है। गौरतलब हो कि यह अकेले लिंगापौनार स्वास्थ्य केन्द्र के हालात नहीं बल्कि क्षेत्र के 90 फीसदी उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक केन्द्रों के हालत है। स्वास्थ्य केन्द्र स्टॉफ तथा चिकित्सकों एवं संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा करने वाले नेता और अफसर कभी इस दिशा में कोई कारगार कदम नहीं उठा रहे हैं। यहीं वजह है कि करीब 1 दशक से सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में सेवाएं बदहाल हो चुकी है। ग्रामीण मजबूरी में ही इन केन्द्रों में इलाज के लिए जा रहे हैं।
लिंगापौनार के ग्रामीण गाव के सरवन टेम्भरे, सोमसिंह परते, ताराचन्द काडे, उप सरपंच सेवकराम काड़े, हरीदास खोब्राागड़े, श्रीराम काडे सहित अन्य ने बताया कि गांव में उपस्वास्थ्य केन्द्र होने के बाद भी ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण अब भी इलाज करवाने के लिए तिरोड़ी और कटंगी के चक्कर काट रहे है। चिकित्सक एवं स्टॉफ की कमी की वजह से उपस्वास्थ्य केन्द्र शोभा की सुपारी बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार नेताओं को इस संबंध में शिकायत कर व्यवस्था दुरस्त कराने की मांग की जा चुकी है, लेकिन आज तक हालत सुधर नहीं पाए है।
ग्रामीणों की माने तो उप स्वास्थ्य कंेद्र में दो दिन ओपीडी खुलने का प्रावधान किया गया है। यानि इस दिन डॉक्टर व नर्स राउंड पर पहुंचकर ग्रामीण मरीजों का चेकअप करेंगे। लेकिन देखा जा रहा है कि गर्मियों में मरीज बढऩे के बाद भी गांव के उपस्वास्थ्य केन्द्रों में ओपीडी नहीं खोली जा रही है। स्टाफ की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं से मरहूम रखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि सरकारें भले ही गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत यही है कि लोगों को आज भी प्राइवेट क्लीनिकों का मोहताज होना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम पंचायत लिंगापौनार में उपस्वास्थ्य केन्द्र बनाया है। इस केन्द्र के बनते ही ग्रामीणों को उम्मीद जागी थी कि अब झोलाछाप डॉक्टरों से निजात मिल जाएगी। लेकिन उम्मीद पर तब पानी फिर गया जब अस्पताल में किसी डॉक्टर या नर्स की नियुक्ति नहीं हुई। ग्रामीण आज भी 15 से 20 किमी चलकर कटंगी एवं तिरोड़ी के अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचते है। ग्रामीणों का कहना है कि इमरजेंसी के वक्त अस्पताल में किसी प्रकार की मदद उपलब्ध नहीं है, जबकि एंबुलेंस को फोन करने पर दूसरे अस्पतालों में पहुंचना पड़ता है।
वर्सन
आपके माध्यम से जानकारी मिल रही है, हम मामले को दिखवाते है। यदि लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएी।
डॉ पंकज दुबे, बीएमओ कटंगी