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बालाघाट

अंगोरिया तालाब का पानी चोरी

मछुआरों ने किसानों पर लगाया आरोप, जल संसाधन विभाग की भी लापरवाही

बालाघाटJul 23, 2018 / 08:23 pm

mukesh yadav

talab news

अंगोरिया तालाब का पानी चोरी

कटंगी। अब तक आपने, सोने-चांदी के जेवर, नकदी रकम सहित आदि विभिन्न सामग्रियों के चोरी के मामले सुने और देखे होंगे। लेकिन क्या कभी पानी चोरी की घटना सुनी है। यह घटना सुनने में बड़ी अटपटी लगती है। लेकिन ऐसा हुआ है। दरअसल, इस वर्ष भी क्षेत्र में अब तक झमाझम बारिश नहीं होने के कारण किसानों को धान की फसल की बुआई करने में परेशानी हो रही है। इस कारण किसानों ने तालाबों से पानी लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में मछुआरे किसानों पर पानी चोरने का आरोप लगा रहे हैं। पूरा मामला मुख्यालय से 8 किमी. दूर टेकाड़ी (म.) के अंगोरिया तालाब का है। जहां पर मछुआरे मत्स्य पालन करते हैं। इस जलाशय का गेट तोड़कर अज्ञात किसानों ने अपने खेतों में पानी पहुंचाया है। मछुआरों का आरोप है कि जल संसाधन की लापरवाही से उक्त घटना को किसानों ने अंजाम दिया है। मछुआरों ने मामले की शिकायत विभाग के अधिकारियों से कर किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
टेकाड़ी (म) का अंगोरिया तालाब 5 हेक्टेयर 90 डिस्मिल में फैला हुआ है और यह तालाब मत्स्य सहकारी साख समिति कटंगी के अधीनस्थ आता है। इस तालाब में करीब 3 दर्जन से अधिक मछुआरे मत्स्य पालन कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। शनिवार की रात को अज्ञात किसानों ने तालाब का गेट तोड़कर इसका पानी खेतों में ले जा लिया है। तालाब में अब करीब 1 फीट ही पानी शेष रह गया है। उसका बहना भी लगातार जारी है। मछुआरों ने बताया जल संसाधन विभाग के अमीन ने चार दिन पूर्व तालाब में पानी संग्रहण को नापा था। जिसकी जानकारी उसने वरिष्ट अधिकारियों को दी थी। इस तालाब के गेट की चाबी जल उपभोक्ता संथा सदस्य के पास है। मछुआरों ने बताया कि वह अपनी मनमर्जी से इसे खोलकर पानी खेतों में बहाता है। शनिवार को अज्ञात किसानों ने चाबी को विपरीत दिशा में घुमा दिया। जिससे चाबी टूट गई और गेट खुला ही रह गया और तालाब का सारा पानी खेतों में बह गया।
मत्स्य समिति अध्यक्ष सेवकराम बिनाके एवं मछुआरे गणेश रैकवार, दिलीप सुलाखे, हरि बर्वे, शशी मोरी, दुर्गा कहार, संजय कहार, श्रीप्रकाश मोरी, गौराबाई बंसोड़, जयराम बिनाके सहित अन्य ने बताया कि तालाब का लगातार पानी बहने से अब बारिश का पानी तालाब में संग्रहित नहीं हो पाएगा। गर्मी के मौसम में मछुआरों को काफी दिक्कत होगी। उन्होंने बताया तालाब में पानी के साथ मछली का बीज भी बह गया है, जिससे मछुआरों को आर्थिक नुकसान हुआ है। अभी मछुआरों ने तालाब के पानी को रोकने के लिए बोरीबंधान किया है। मछुआरों ने विभागीय अधिकारियों से शीघ्र ही तालाब के गेट की मरम्मत कराने की मांग की है। अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है।
इनका कहना है।
मछुआरों की समस्या पर अगर विभाग ने शीघ्र ध्यान देकर तालाब के गेट की मरम्मत नहीं करवाई तो मछुआरे सड़क पर उतरकर विभाग के खिलाफ में आंदोलन करेंगे।
सेवकराम बिनाके, अध्यक्ष मत्स्य सहकारी साख समिति कटंगी
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