बालाघाट

नए नियमों के पेंच में फंसा रेत खनन का कार्य

निर्माण कार्यों के लिए नहीं मिल पा रही है रेत, रेत की कमी से शुरू नहीं हो पा रहे हैं निर्माण कार्य, पीएम आवास योजना का कार्य अधिक हो रहा है प्रभावित

बालाघाटOct 06, 2019 / 07:48 pm

Bhaneshwar sakure

नए नियमों के पेंच में फंसा रेत खनन का कार्य

बालाघाट. बारिश थमने के बाद एक बार फिर से निर्माण कार्यों के लिए रेत की कमी होने लगी है। दरअसल, नए नियमों के पेंच में रेत खनन का कार्य फंसा हुआ है। जिसके चलते मौजूदा समय में निर्माण कार्यों के लिए रेत नहीं मिल पा रही है। इधर, रेत की कमी के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। वहीं मप्र सरकार द्वारा नई रेत नीति लागू किए जाने के बाद जिले में नए प्रक्रिया से रेत खदान नीलाम होगी। इसके बाद ही रेत के खनन का कार्य शुरू हो पाएगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में जिले में रेत खदान की नीलामी के लिए अलग-अलग पांच समूह तैयार किए गए थे। लेकिन अब जिलावार समूहों में रेत की निविदाएं होने पर इन्हें एक ही समूह मे नीलाम किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार रेत की कमी के चलते अब निर्माण कार्य शुरु नहीं हो पा रहे हैं। सबसे ज्यादा असर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों पर पड़ रहा है। वहीं नए निर्माण कार्य तो शुरू ही नहीं किए गए है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए रेत का खनन चोरी-छिपे किया जा रहा है। जिले में वर्षा ऋतु के चलते रेत के खनन कार्य पर १ अक्टूबर तक प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन मौजूदा समय में यह प्रतिबंध और बढ़ा दिया गया है। दरअसल, नदियों में जल स्तर अच्छा होने और बारिश का क्रम नहीं थमने की वजह से रेत खनन पर प्रतिबंध को आगे बढ़ा दिया गया है।
गौरतलब है कि राज्य शासन ने वर्ष 2019 में नए रेत नियम लागू किए हैं। इनके आधार पर समूह बनाकर रेत खदानों की निविदाओं को आमंत्रित कर तीन वर्ष तक संचालन के लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं। इन प्रस्ताव के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम ऑनलाइन निविदा की प्रक्रिया चालू करने जा रहा है। प्रदेश के खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के 43 जिलों में रेत खदानें पाई जाती हैं। इनमें शत-प्रतिशत सर्वेक्षण कर मात्रा का आंकलन विभाग द्वारा किया गया है। जिलावार समूह बनाए गए हैं। निविदाओं की कार्रवाई और रेत खदानों का संचालन मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा भारत सरकार के एनआईसी के निविदा पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। निविदा में भाग लेने के लिए आरक्षित मूल्य का 25 प्रतिशत सुरक्षा निधि के रूप में जमा कराना आवश्यक है। सफल वैधानिक स्वीकृतियां और अनुमतियां प्राप्त करना ठेकेदार का उत्तरदायित्व है।
एक-दो माह बाद ही शुरू हो सकेगी नई खदाने
नई रेत खदानों के लिए निविदा प्रकाशन के एक माह के अंदर निविदा प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। इसके बाद सफल ठेकेदार को विभिन्न वैधानिक अनुमतियां लेने में एक से दो माह का समय लग सकता है। इस अवधि में प्रदेश में रेत की सप्लाई निरंतर बनी रहे, इस कारण नियमों में व्यापक प्रावधान किए गए हैं। जिन ठेकेदारों के पास पुरानी नीलामी प्रक्रिया के अंतर्गत मार्च 2020 अथवा उसके बाद के अनुबंध है, वे भी अपनी निर्धारित अनुबंध अवधि तक खनन प्रक्रिया जारी रख सकते हैं। प्रदेश के समस्त भंडारण लाइसेंस स्थगित कर दिए गए है। जिनके द्वारा अपने-अपने भंडार की जानकारी जिला कलेक्टर को दी जाने के बाद और उसका सत्यापन होने के बाद जिला कलेक्टर भण्डारण को खाली करने की अनुमति व समय-सीमा दे सकते हैं।
इनका कहना है
रेत के खनन का कार्य कुछ दिनों बाद शुरू हो जाएगा। जिससे जिले वासियों को रेत मिलना शुरू हो जाएगी। नई खदानों के लिए सरकार द्वारा ऑनलाइन निविदा जारी की जा रही है। निविदा जारी होने और वैधानिक सभी अनुमति लेने के बाद ही नई खदानों से रेत का खनन का कार्य होगा।
-सोहन सलामे, जिला खनिज अधिकारी, बालाघाट
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