कटंगखेरो में झिरिया बुझा रहा प्यास
बालाघाटPublished: May 12, 2019 06:00:33 pm
हैंडपंप नहीं होने से पानी की विकराल समस्या
कटंगखेरो में झिरिया बुझा रहा प्यास
बिरसा. जनपद पंचायत सलघट अंतर्गत ग्राम पंडरीपथरा के कटंगखेरो के आदिवासी समाज को गड्ढे व झिरिया का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। गांव में पानी की समस्या हर वर्ष गर्मी में होती है। लेकिन पंचायत द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस टोला में करीब डेढ़ दर्जन घर के आधा सैकड़ा लोग रहते है। लेकिन पेयजल के लिए हैंडपंप व कुएं की सुविधा नहीं है। यहां के रहवासी निचले भाग में करीब आधा किलोमीटर से अधिक दूर पर पूर्व से एक छोटा सा कुआंनुमा झिरिया बना है इससे पानी लाते है। मटमैला पानी पीने से ग्रामीणों को संक्रामक बीमारी होने की संभावना बनी रहती है।
तालाब में नहाना धोना
इस मोहल्ले के निवासी पेयजल व खाना बनाने का उपयोग झिरिया के पानी से करते है। नहाने व कपड़ा धोने के लिए एक छोटा तालाब है वहां जाते है। लेकिन मई माह से तालाब का पानी भी सूखने लगता है। जिससे पानी के लिए गांव में त्राहि-त्राहि मची हुई है।
हैंडपंप की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि काफी वर्षो से पानी की समस्या बनी हुई है। गांव में कुएं व हैण्डपंप की सुविधा नहीं होने सेे कई बार ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव से हैण्डपंप की मांग की गई। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बारिश के दिनों में भी झिरिया में बरसात का गंदा पानी भर जाता है जिसे मजबूरन में लोगों को पीना पड़ता है।