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हजारों क्ंवटल धान खराब होने के कगार पर पहुंची

locationबालाघाटPublished: Mar 25, 2019 08:33:22 pm

Submitted by:

mukesh yadav

समर्थन मूल्य पर खरीदी धान हुई अंकुरितबदइंतजामी व परिवहन के अभाव में धान हुई खराब

बालाघाट. बालाघाट में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान बदइंतजामी और परिवहन के अभाव के चलते खराब होने के कगार पर पहुंच गई। हजारों क्ंिवटल धान पानी में भीगने के बाद अंकुरित होने लगी हैं। इसके बावजूद भी जिम्मेवारों द्वारा खराब हो रही धान को बचाने के लिए सुध नहीं ली जा रही और ना ही उसके परिवहन की कोई व्यवस्था बनाई जा रही हैं।
जानकारी के अनुसार जिले में सहकारी समितियों के मार्फत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की गई हैं। जनवरी माह में खरीदी की प्रक्रिया बंद होने के बाद भी इस खरीदी गई धान का अब तक परिवहन नहीं हो पाया हैं। जिससे कई खरीदी केंद्रों में हजारों क्ंिवटल धान खुले में पड़ी हुई हैं। ताजा मामला सेवा सहकारी समिति मोहगांव धपेरा में ही करीब 9 लाख रूपए कीमती साढ़े पांच हजार क्ंिवटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है। धान की बोरियों को एक के ऊपर एक रखकर स्टेकेज किया गया हैं। लेकिन बारिश के कारण वह भीग गई हैं। जिसमें अंकुरण आ गया व खेत में लगाने वाली खार की तरह हरी-हरी लहलहाने लगी है। दरअसल इस धान का परिवहन ही नहीं हो रहा। परिवहन के अभाव में समिति ने उस पर त्रिपाल ढककर बचाने का प्रयास किया। लेकिन आंधी तूफान के साथ पांच-छह बार की बारिश ने इस बाहर पड़ी धान की बोरियों को पूरी तरह से भिगा दिया हैं। अब यह धान एक तरह से काम की नहीं रह गई। विगत 20 मार्च को हुई बारिश इस धान के लिए बर्बादी का कारण बन गई। धान पर ढकी हुई त्रिपाल फट गई व उड़ गई थी। नीचे वाली बोरियों में पानी का जमाव हो गया। पानी में भिगने के कारण बोरियों में ही अंकुरण आ गया हैं।
पूरी तरह से खराब धान
धान एक तरह से बहुत ज्यादा खराब होने लगी हैं। अंकुरण के साथ ही धान में कालापन आ गया हैं। ज्ञात हुआ हैं कि यह वही धान हैं जिसके लिए किसानों को टोकन दिया गया हैं। जिसमें धान की खरीदी तब मानी जाएगी जब वह समिति से भंडारण के लिए गोदाम में पहुंच जाएगी। ऐसी स्थिति में इस धान को बिकी हुई भी नहीं माना जा रहा। किसानों को इस कारण से भुगतान भी नहीं किया जा सका हैं। करीब 9 लाख रुपए कीमती इस धान को बचाने का प्रयास भी नहीं हो पा रहा हैं।
वर्सन
समिति का कार्य खरीदी करने का था। रख रखाव का प्रयास किया गया व त्रिपाल ढकी गई। लेकिन जिला विपणन ने परिवहन की व्यवस्था नहीं की। कई बार सूचना के बाद भी उठाव नहीं करने से पांच-छह बार इस धान पर बारिश आ गई हैं। अब धान अंकुरित हो रही है।
हिसबलाल दशहरे, समिति खरीदी प्रभारी
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