बाघ की दहशत बरकरार ; डाकटोला गांव में रात्रि में घुसा बाघ, ग्रामीणों ने शोर मचाकर खदेड़ा
बालाघाटPublished: Dec 04, 2022 10:29:52 pm
अलग-अलग टीम बनाकर चौबीस घंटे निगरानी कर रहे वनकर्मी
वारासिवनी वनपरिक्षेत्र का मामला


बाघ की दहशत बरकरार ; डाकटोला गांव में रात्रि में घुसा बाघ, ग्रामीणों ने शोर मचाकर खदेड़ा
बालाघाट. वन परिक्षेत्र वारासिवनी के ग्रापं सिरपुर, नांदगांव, बोटेझरी में बाघ की दहशत बरकरार है। शनिवार की रात्रि ग्रापं सिरपुर के डाकटोला में बाघ गांव में घुस गया। ग्रामीणों ने शोर-शराबा कर बाघ को भगाने में सफल तो हो गए, लेकिन ग्रामीण खौफजदा हैं। इधर, बाघ की मौजूदगी के चलते वन अमला अलग-अलग टीम बनाकर चौबीस घंटे निगरानी कर रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत सिरपुर के ग्राम डाकटोला में शनिवार की रात्रि करीब साढ़े आठ बजे बाघ गांव में घुस गया था। गांव में बाघ को देखते ही ग्रामीणों ने शोर मचाया। जिसके चलते बाघ जंगल की ओर भाग गया। इस दौरान बाघ ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। गांव में बाघ के प्रवेश करने की सूचना ग्रामीणों ने वन अमले को दी। इधर, बाघ की दहशत के चलते लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है। कृषि कार्य भी काफी प्रभावित हो रहा है।
बाघ का मूवमेंट जानने लगाए गए सेंसर कैमरे
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक महिला का शिकार करने के बाद से बाघ का मूवमेंट जानने के लिए जंगल में चार सेंसर कैमरे लगाए गए हंै। टास्क फोर्स रोस्टर के अनुसार ग्राम सिर्रा, नगरझर, नांदगांव, बोटेझरी, सिरपुर, शेरपार में ड्यूटी लगाई गई है। जिसमें आठ-आठ कर्मचारी शामिल है। इसमें वनरक्षक, वन परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी को शामिल किया गया है। वन अमला गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश दे रहा है। जंगल की ओर अकेले नहीं जाने, आवश्यक होने पर समूह में जाने की अपील कर रहा है। वन्यप्राणी को किसी तरह से हानि नहीं पहुंचाने का भी आव्हान किया गया है।
इनका कहना है
बाघ का मूवमेंट जानने के लिए चार सेंसर केमरे लगाए गए हैं। टास्क फोर्स रोस्टर अनुसार तीन टीम गठित कर वन अमले की ड्यूटी लगाई गई है। बाघ के दिखने पर उसकी जानकारी देने, गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने कहा गया है। पिंजरा लगाने वरिष्ठ स्तर से अनुमति मांगी गई है। गश्त के लिए वनकर्मियों की आवश्यकता पडऩे पर बालाघाट से बुलाया जाएगा।
-हर्षित सक्सेना, प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी वारासिवनी