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बालाघाट

क्षेत्र में फिर बढ़ा बाघ का आतंक

गर्भवती गाय को बनाया अपना शिकार ग्रामींणों में दहशत, शाम होते ही घर में दुबक रहे ग्रामींण

बालाघाटMar 18, 2020 / 01:16 pm

mukesh yadav

क्षेत्र में फिर बढ़ा बाघ का आतंक

क्षेत्र में फिर बढ़ा बाघ का आतंक

कोचेवाही. जिले के वारासिवनी से 17 किमी दूर ग्राम पंचायत बोटेझरी व इसके आसपास ग्रामों एक बार फिर बाघ का आतंक देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार पिछले माहो में भी हिंसक वन्य प्राणी की उपस्थिति ने ग्रामींणों को नींद कर दी थी। इसके बाद कुछ माह ठीक चला अब सोमवार को पुन: एक हिंसक वन्य प्राणी बाघ द्वारा गाय का शिकार कर दिए जाने का मामला सामने आया। जानकारी लगने पर ग्रामींणजन दहशत में है। वहीं जानकारी वन विभाग को दी गई। विभागीय अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर गाय का पंचनामा किया। वहीं मुआवजा कार्रवाई की जा रही है। बताया गया कि गाय बोटेझरी निवासी शिवलाल पिता घुडऩ शेंन्द्र है। जिसके द्वारा शीघ्र ही उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की जा रही है।
पीडि़त शिवलाल ने बताया कि प्रतिदिन की तरह ही गायकी गनेस भंडारी ने उसकी गाय का चरवाने के लिए समीपस्थ ग्राम नांदगांव के जंगल लेकर गया हुआ था। लेकिन शाम को गाय वापस नहीं लौटी तो पतासाजी शुरू की गई। इस दौरान नांदगांव के जंगल में उसकी गर्भवति गाय का शव क्षतविक्षत अवस्था में दिखाई दिया। इसके बाद वन विभाग के वनपाल उमेश शुक्ला को दी। वनपाल ने अपने वरिष्ठ रेंजर यसपाल मेहरा, डिप्टी रेंजर राजेंद्र उइके, उमेश शुक्ला के साथ मौके पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम दिया।
ग्रामींणों में दहशत का माहौल
बाघ की एक बार फिर चहलकदमी के बाद से ग्रामींणों में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। अधिकारियों ने ग्रामींणों को अकेले घरों से नहीं निकलने की सलाह दी है। वहीं हिंसक वन्य प्राणी को दूर खदेडऩे के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। ग्रामींणों के अनुसार बाघ के मुंह में खून लग गया है अब दोबार कभी भी गांव में आ सकता है। इस कारण ग्रामींणों की नींद उड़ गई है। शाम होते ही ग्रामींण घरों में दुबक रहे हैं। वहीं हाट बाजार करने भी ग्रामीणों को भय का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामींणो ने शीघ्र ही बाघ को पकडऩे की बात कही है।
वर्सन
मवेशी जब घर नहीं लौटा तो जाकर देखा गया। बाघ ने मवेशी को अपना शिकार बना लिया था। गाय गर्भवति थी इस कारण करीब २० से २५ हजार का नुकसान हुआ है। विभाग को शीघ्र ही मुआवजा दिया जाना चाहिए। वहीं बाघ को भी खदेडऩा चाहिए, नहीं तो जनहानि हो सकती है।
शिवलाल शेंन्द्रे, पीडि़त
पीडि़त व्यक्ति को उसकी गाय का उचित मुआवजा की कार्रवाई कर मुवावजा दिलाया जाएगा। साथ ही ग्रामीणों से अपील की गई हैं कि जंगल की ओर अकेले या शाम के समय न जाए। अपने मवेशियों को जल्द ही घर वापस ला ले। वहीं बाघ की निगरानी रखने के लिए जंगल में कक्ष क्र 494 के पास तीन कैमरे लगाए गए हैं। विभाग के कर्मचारी रात्रि के समय गस्ती कर बाघ को गांव में प्रवेश रोकने की हर संभव कोसिस की जाएंगी।
राजेंद्र उइके, डिप्टी रेंजर

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