बालाघाट. ई-दक्ष केंद्र में लोक सेवा और नागरिक सुविधा केन्द्रों की सेवाओं के एकीकरण संबंधी तीन दिवसीय प्रशिक्षण 7 दिसम्बर को संपन्न हुआ। जिसमें जिले के समस्त सीएससी संचालकों को लोकसेवा संबंधी सेवाओं का प्रशिक्षण अमित शिरोमणी जिला प्रबंधक लोक सेवा, संजीव पटले और राजेश राहंगडाले सीएससी प्रबंधक द्वारा दिया गया।
वरिष्ठ प्रशिक्षक उमाशंकर पटले ने बताया की प्रदेश में वर्तमान में लगभग 19 हजार से अधिक सीएससी संचालित हैं जो ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल, लोक सेवा गारंटी की सेवाओं के लिए अपने क्षेत्राधिकार से मुक्त होंगे। सभी सेवाएं ऑनलाइन होंगी। पदाभिहित अधिकारी को हार्डकॉपी भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। जिन सेवाओं में हार्डकॉपी भेजने की आवश्यकता होगी उन्हें वर्तमान में सीएससी कियोस्क से प्रदान नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान समस्त सीएससी संचालकों को डिजिटल हस्ताक्षर बनाने के लिए निर्देशित किया गया। ताकि वे ग्रामीण, नागरिकों को आय, मूल निवासी, अविवादित नामांतरण, बंटवारा, प्रसूति सहायता, विवाह सहायता, गरीबी रेखा के अंतर्गत पात्र हितग्राही का नाम जोडऩा सहित अन्य योजनाओं को क्रियान्वित कर सकें।
भाजपा सरकार से परेशान हो रही जनता-अजीत
रजेगांव. केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के कारण जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा सरकार ने पहले नोटबंदी कराई। इसके बाद बैंक खाता आधार से लिंक कराया। जिसके लिए भी जनता को काफी परेशान होना पड़ा। लंबी-लंबी कतार लगने के कारण ग्रामीणों को पूरा-पूरा दिन ही बैंक में गुजारना पड़ा है। ग्राम के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नेहरु भाउ अजीत ने कहा कि बैंको में भी भेदभाव किया जाता है। अगर कोई प्रतिनिधि या बड़ा व्यक्ति बैंक जाता है तो उनका काम तुरंत कर दिया जाता है। उनको लाइन लगने की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन गरीबों को कतार में लगना पड़ता है। यह समस्या सभी बैंकों में बनी हुई है। इससे ग्रामीणों को काफी परेशान होना पड़ रहा है।
मानकरटोला में समस्याओं का अंबार
रजेगांव. परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत परसवाड़ा के मानकर टोला में ग्रामीणों को अभी भी मूलभूत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले २० वर्षों से पानी, बिजली, सड़क के लिए यहां के ग्रामीण तरस रहे हैं। बावजूद प्रशासन यहां
ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीण हैंडपंप न होने की वजह से समीप में स्थित बाघनदी से पानी लाकर पी रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि नेता केवल आश्वासन देते हैं, लेकिन विकास का कार्य कोई नहीं करता है।