बलिदान दिवस पर शहीद उधमसिंह को दी गई श्रृद्धांजलि
बालाघाटPublished: Aug 03, 2019 04:48:09 pm
मंगल भवन में सद्धम्म पुस्तकालय संचालन समिति द्वारा श्रृद्धांजली कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बलिदान दिवस पर शहीद उधमसिंह को दी गई श्रृद्धांजलि
किरनापुर। भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह के बलिदान दिवस पर अम्बेडकर मंगल भवन में सद्धम्म पुस्तकालय संचालन समिति द्वारा श्रृद्धांजली कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शहीद उधमसिंह के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करते हुए पुष्प अर्पित किए गए। कार्यक्रम के दौरान सद्धम्म एक सामाजिक क्रांति के संस्थापक विनय बौद्ध ने बताया कि पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में 26 दिसम्बर 1899 को जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार तेहाल सिंह और माता का नाम नारायण कौर था। जब उधम सिंह सात वर्ष की उम्र के थे तब उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद उधमसिंह और उनके भाई साधुसिंह अनाथालय में पले बड़े। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान 13 अप्रैल सन 1919 में जलियावाला बाग में रॉलेट एक्ट के तहत प्रदर्शन कर रहे लोगों पर उस समय पंजाब के गर्वनर रहे माइकल ओ डायर ने लोगों पर अंधाधुंध गोलियों बरसाई। उस समय उधमसिंह आंदोलन में शामिल लोगों को पानी पिलाने का काम कर रहे थे। नि:हत्थे बेकसूर लोगों पर गोलियां बरसाए जाने से उधमसिंह खून के घूट पीकर रह गए। इस हत्याकांड में एक लाख लोग मारे गए थे। तब से उधम सिंह के मन में क्रोध की ज्वाला जल रही थी और उन्होंने जनरल डायर से बदला लेने की ठानी थी। इसके बाद उन्होंने खूब मेहनत की। काफी पैसा इकठ्ठा किया और दक्षिण अफ्रीका गए तथा वहां से लंदन गए। इस बीच उन्होंने किताब में पिस्तौल छुपाकर रखी और भीड़ वाले इलाके में जनरल डायर को गोली मारकर मौत के घाट उतार कर बदला दिया था। इसके बाद उन्होंने वही अपनी गिरफ्तारी दी। उन्हें 31 जुलाई 1940 को फांसी दी गई।
कार्यक्रम में सद्धम्म एक सामाजिक क्रांति की राष्ट्रीय अध्यक्ष महामाया बौद्ध, सद्धम्म पुस्तकालय संचालन समिति अध्यक्ष राहुल गजभिए, रोहित मेश्राम, शैलेष, विकेश मेश्राम, शुभम, संदीप, राकेश बोरकर, पूजा, कुलदीप, अंशुल मेश्राम, दुर्गेश भिमटे, पतिराम गजभिए, अनुराग, स्तुति, हरिदास, एनएल निकुसे, आदित्य मेश्राम, अभिषेक, नवीन सहित अन्य सदस्यगण एवं बच्चे मौजूद रहे।