लालबर्रा थाने में पदस्थ दो प्रधान आरक्षक निलंबित
बालाघाट/लालबर्रा. लालबर्रा थाना में पदस्थ दो प्रधान आरक्षक को पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। प्रधान आरक्षक मिल्कीराम सोनेकर और खेमनलाल तुरकने को पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक दोनों प्रधान आरक्षक मिल्कीराम सोनेकर और खेमनलाल तुरकने द्वारा सड़क दुर्घटना मामले में जब्त बाइक को न्यायालय के आदेश के बाद भी सुपुर्दनामे में सौंपी नहीं जा रही थी। इसके बदले में पांच हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। इस मामले में पीडि़त संतलाल लिल्हारे शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल फोन में ऑडियो रिकॉर्डिंग भी की गई थी। जिसकी शिकायत उन्होंने एसपी और कलेक्टर से की थी। इस शिकायत में प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने दोनों प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है और इसकी जांच की जिम्मेदारी वारासिवनी एसडीओपी रामनारायण परतेती को दी है। संतलाल लिल्हारे के अनुसार उनका पुत्र आशीष लिल्हारे अमोली पावर हाउस में मीटर वाचक का कार्य करता है। 17 सितंबर को घर से अपने कार्य के लिए निकला था। तभी बुट्टा हजारी में शिव मंदिर के आगे ऑटो चालक राजू रामलाल बरैया मोहगांव धपेरा निवासी ने लापरवाही पूर्वक तेज रफ्तार से वाहन चलाते हुए उसे ठोकर मार दी। इस घटना में आशीष घायल हो गया था। जिसका जिला अस्पताल और निजी अस्पताल में इलाज करवाया गया। ऑटो वाले ने कोई मदद नहीं की और स्वयं ही रिपोर्ट दर्ज करवाने लालबर्रा थाना पहुंच गया। पुलिस ने संदिग्ध भूमिका निभाते हुए काउंटर मामला बना दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा जब्त वाहन को सुपुर्दनामे में प्राप्त करने के लिए कोर्ट का आदेश लेकर 6 अक्टूबर को लालबर्रा पहुंचे थे। तो लालबर्रा थाने में प्रधान आरक्षक मिल्कीराम सोनेकर और खेमनलाल तुरकने ने अच्छा व्यवहार न करते हुए कोर्ट के आदेश का अपमान किया और पांच हजार रुपए की मांग रखी थी।