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दो वर्ष बीत गए नहीं बन पाई सड़क और पुल-पुलिया

locationबालाघाटPublished: Mar 05, 2020 03:38:49 pm

Submitted by:

mukesh yadav

आधे अधूरे काम से राहगीरो को हो रही दिक्कतें

दो वर्ष बीत गए नहीं बन पाई सड़क और पुल-पुलिया

दो वर्ष बीत गए नहीं बन पाई सड़क और पुल-पुलिया

बालाघाट। ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के मकसद से निर्माण एजेंसियों के द्वारा विभिन्न ठेकेदारो से शर्तो के आधार पर सडक और पुल पुलियों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। लेकिन समय सीमा में कार्य न होने से ग्रामीणों को सुविधाए तो मिलना दूर, असुविधाओं को सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की कई जानकारी जिले के ग्रामींण क्षेत्रों से मिल रही है। इसी तरह की एक शिकायत जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के जालदा से माड़ी सड़क और पुल पुलियों की शिकायत मिली है। जहां दो वर्ष का समय हो गया, अभी तक समूचा कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। जिससे इस मार्ग पर बसने वाले जालदा, भगवानडी, कौंआडोंगरी, आमाटोला और माड़ी के बैगा ग्रामीणों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मप्र प्रधानमंत्री ग्रामिण सड़क प्राधिकारण के द्वारा 28 फरवरी 2018 को जालदा से माडी दूरी लगभग 6 किमी लागत करीब 90 लाख रुपए का निर्माण कार्य शर्तो के आधार पर ठेकेदार संजय अग्रवाल को दिया है। लेकिन दो वर्ष का समय गुजर चुका हैं, अभी तक उसने निर्माण कार्य प्रारंभ ही नही किया है। जबकि अब तक कार्य पूर्ण हो जाना था। इस मार्ग पर भगवानड़ी और माडी के बीच में ठेकेदार ने जीएसबी हेतू मुरूम डलवा दिया है। लेकिन उसे सड़क पर फैलाया नहीं है। जिससे इस मार्ग पर चलने वाले बाइक चालको को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वही पर पूर्व में बनाई गई एक पाईप पुलिया गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे लोगों को जान का खतरा बना हुआ है। दुर्गम दुरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से विभागीय अधिकारियों के द्वारा देखभाल न किए जाने से इसकी जानकारी जिला मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को नहीं लग पा रही है। पत्रिका द्वारा उस क्षेत्र का दौरा कर जानकारी ली तो, वास्तविकता देखने को मिली।
ग्रामीणों ने बताया कि दो वर्ष होने जा रहा है, अभी तक कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। जबकि जालदा शासकीय आश्रम के सामने ठेकेदार के द्वारा निर्माण से संबंधित एक बोर्ड लगा दिया है। लेकिन काम नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि निर्माण कार्य पूर्ण हो जाता है, तो उनका क्षेत्र जो मुख्य धारा से अलग है, वह जुड़ जाएगा।
वर्सन
जानकारी में है, उक्त ठेकेदार के द्वारा जितने भी कार्य करवाए जा रहे हैं। सभी आधे अधूरे पड़े हुए हंै। जिसकी शिकायतें मिल रही है। विभाग ने उन्हें अंतिम चेतावनी दे दी है कि यदि कार्य समय पर नहीं हुआ तो ठेका निरस्त कर दिया जाएगा।
अरविंद त्रिपाठी, महाप्रबंधक
मप्र प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क प्राधिकरण

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