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बंदियों के आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पहला सबजेल बना वारासिवनी सबजेल

locationबालाघाटPublished: May 02, 2021 07:49:05 pm

Submitted by:

mukesh yadav

शिविर लगाकर १८ बंदियों के बनाए गए आयुष्मान कार्डइसके पहले सागर के केन्द्रीय जेल में ही लगाया गया था शिविर

बंदियों के आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पहला सबजेल बना वारासिवनी सबजेल

बंदियों के आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पहला सबजेल बना वारासिवनी सबजेल


बालाघाट. सबजेल में नियमों का पालन, अनुशासन और चाक चौबंद व्यवस्थाओं को लेकर तारीफे बटोरना वाला वारासिवनी उपजेल एक बार फिर अपने सराहनीय कार्यो के लिए सुखिर्यो में है। यहां जेलर अभय वर्मा ने एक बार फिर अपनी सकारात्मक कार्य शैली और कर्तव्यनिष्ठाता का परिचय देते हुए सबजेल में आयुष्मान शिविर का आयोजन करवाया। इसके बाद वारासिवनी सबजेल प्रदेश ही पहली ऐसी उपजेल बन गई है, जहां बंदियों के लिए इस तरह की योजना के लिए शिविर का आयोजन किया गया है।
इस संबंध में जेलर अभय वर्मा ने बताया कि वर्तमान में चल रही कोरोना बीमारी के मद्देनजर श्रमिक दिवस के उपलक्ष्य में इस शिविर का आयोजन सबजेल में किया गया। बीएमओ डॉ रविन्द्र ताथोड, जेलर अभय वर्मा और आयुष्मान मित्र राजेश नगपुरे के सहयोग से उपजेल के १८ बंदियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। जेलर वर्मा ने बताया कि यह क्रम आगे भी जारी रहेगा और अन्य पात्र बंदियों के लिए भी आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। जेलर वर्मा के अनुसार इसके पूर्व सागर की केन्द्रीय जेल में आयुष्मान कार्ड के लिए शिविर लगाया गया था। इसके बाद वारासिवनी उपजेल में यह शिविर का आयोजन कर कार्ड बनाए गए हैं। इस कार्य में जेल के कर्मचारी आरिफा शहजादी, अम्मन प्रसाद, भारत सिंह, मुख्य प्रहरी मोती लाल, प्रहरी राहुल नगपुरे आदि का भी सहयोग रहा। पूरा आयोजन शासन की कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए किया गया।
शिविर के दौरान बीएमओ डॉ ताथोड और जेलर वर्मा ने बंदियों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पीएमजेवाय का शुभारंभ किया था। जिसका मुख्य उदद्ेश्य आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार, छोटे दुकानदार, छोटे किसान जिनके पास रोजगार नहीं है, ऐसे लोगों के लिए सरकार ने इस योजना को लाई है। जहंा असहाय गरीब परिवार गंभीर बीमारी जैसे कैंसर सहित अन्य बड़ी बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते, ऐसे व्यक्ति अब आयुष्मान कार्ड बनाकर 5 लाख रुपयों तक का नि:शुल्क उपचार करा सकते हैं। वह भी शासकीय एवं अशासकीय सूचीबद्ध अस्पतालों में और इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 14555 का उपयोग कर बीमारी एवं अस्पतालों की जानकारी ले सकते हैं।

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