वन विभाग पर अब भरोसा ही नही रहा। हमें वन विभाग की कार्रवाई को देखते हुए नहीं लगता कि ये अतिक्रमण को हटाएंगे। पूरे गांव वालों के सहयोग के बावजूद वन विभाग चुप है। ऐसा ही चलता रहा तो अतिक्रमण हटना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है। पहली बार वन विभाग वालों का इस प्रकार कार्य के प्रति लापरवाही देखने को मिल रहा है।
लखन सोनेकर, ग्रामींण
गुमराह करना कोई वन विभाग से सीखे। 2 सालों से लगातार वन अमला गांव वालों को गुमराह कर रहे हैं। अब हमारे पास उग्र आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नही बचा।
गजराबाई बघेल, ग्रामीण महिला
कब तक दफ्तरों के चक्कर काटेंगे। सभी अधिकारियों को आवेदन दे देकर थक चुके हैं। अब विशाल उग्र जेल भरो आंदोलन ही हमारे वन को बचा सकता है।
धोकलसिंह मेरावी, ग्रामींण