बालाघाट

शिकायत कर हारे ग्रामींण, अब डीएफओं कार्यालय के घेराव की तैयारी

20 जनवरी से पूर्व हटाएं अतिक्रमण, नहीं तो घेराववन विभाग की १५० एकड़ जमींन मेंअतिक्रमण का मामला

बालाघाटJan 14, 2021 / 11:38 am

mukesh yadav

शिकायत कर हारे ग्रामींण, अब डीएफओं कार्यालय के घेराव की तैयारी


बालाघाट. अतिक्रमण मामले में कई बार शिकायत और निवेदन कर हार चुके ग्रामींण अब आंदोलन की तैयारी में है। जिन्होंने वन विभाग को अल्टीमेटम दिया है कि यदि २० जनवरी के पहले वन भूमि से अतिक्रम नहीं हटाया जाता है तो वे बड़ी संख्या में एकजुट होकर डीएफओ कार्यालय का घेराव करेंगे। पूरा मामला बिरसा दमोह क्षेत्र के धोपघट बीट क्रमांक 1706 के अंतर्गत राजस्व ग्राम बोरी में दबंगों द्वारा वन विभाग की करीब देढ़ सौ से अधिक एकड़ की जमीन में किए गए कब्जे का है।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि वन विभाग की जमींन से कब्जा हटवाने पूरा गांव वन विभाग के साथ है। बावजूद इसके विभाग के अधिकारी ही गंभीर नहीं है। ऐसा कर जिम्मेदार अधिकारी स्वयं जंगलों को बर्बाद होने में मौन संरक्षण प्रदान कर रहे हैं।
ग्रामींणा का कहना है कि एक तरफ वन विभाग ग्राम समिति को अतिक्रमण हटाने की बात पर गुमराह कर रहा है। वहीं कब्जाधारियों को जनसुनवाई में भेजने का भी काम कर रहा है। कुल मिलाकर वन विभाग अतिक्रमण हटाने को लेकर गंभीर नहीं है। जानबूझकर कार्रवाई के नाम पर लीपापोती की जा रही है।
ग्राम की बजराहिन बाई के अनुसार पूर्व के रेंजर परसराम मदनकर के समय से यहां कब्जा करने की परिपाटी चली आ रही है। वर्तमान रेंजर सपन ताम्रकार को सूचित करने पर उनके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नही दिया जा रहा है। वनमंडलाधिकारी उत्तर सामान्य बालाघाट को लिखित व मौखिक सूचना देने पर कार्रवाई होगी कहकर 2 माह से केवल आश्वसन ही दिया जा रहा है। वन के प्रति इस प्रकार से वन विभाग का रवैया समझ से परे हंै। 9-10 कब्जाधारियों का खौफ इतना ज्यादा हो गया है कि वन विभाग कुंभकर्ण नींद से जागने को तैयार नहीं है। बीट क्रमांक 1706 में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी माह में बमुश्किल 1 या 2 बार ही फील्ड में आते हैं। सारी कार्रवाई ऑफिस से बैठकर कर देते हैं। कागजों में वन भूमि अतिक्रमण मुक्त हो चुकी है। वन अमले के गैरजिम्मेदाराना कार्यो से ग्रामीण हताश हो चुके हैं। ग्रामीणों के द्वारा 20 जनवरी 2021 के बाद जिला मुख्यालय पहुंचकर डीएफओ कार्यालय का घेराव व जेलभरो आंदोलन करने की रणनीति तैयार की गई है।
इनका कहना है।
वन विभाग वाले केवल तारीख पर तारीख दे रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के नाम पर वन विभाग कोई ठोस कार्रवाई कर ही नही रहे हैं। गांव वालों को केवल ठगा जा रहा है। हम सब लोग 20 जनवरी के बाद बालाघाट जाकर विशाल आंदोलन करेंगे।
बजराहिन बाई तिल्लासी, स्थानीय महिला
वन विभाग पर अब भरोसा ही नही रहा। हमें वन विभाग की कार्रवाई को देखते हुए नहीं लगता कि ये अतिक्रमण को हटाएंगे। पूरे गांव वालों के सहयोग के बावजूद वन विभाग चुप है। ऐसा ही चलता रहा तो अतिक्रमण हटना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है। पहली बार वन विभाग वालों का इस प्रकार कार्य के प्रति लापरवाही देखने को मिल रहा है।
लखन सोनेकर, ग्रामींण
गुमराह करना कोई वन विभाग से सीखे। 2 सालों से लगातार वन अमला गांव वालों को गुमराह कर रहे हैं। अब हमारे पास उग्र आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नही बचा।
गजराबाई बघेल, ग्रामीण महिला
कब तक दफ्तरों के चक्कर काटेंगे। सभी अधिकारियों को आवेदन दे देकर थक चुके हैं। अब विशाल उग्र जेल भरो आंदोलन ही हमारे वन को बचा सकता है।
धोकलसिंह मेरावी, ग्रामींण

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