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बालाघाट

तिरोड़ी में 2 दिन बाद मिल रहा पानी

5 करोड़ खर्च करने के बाद भी-

बालाघाटJun 30, 2019 / 07:38 pm

mukesh yadav

pani ki samasya

तिरोड़ी में 2 दिन बाद मिल रहा पानी

कटंगी/तिरोड़ी। क्षेत्र की मॉयल नगरी तिरोड़ी के वांशिदों की प्यास बुझाने के लिए 5 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि खर्च करने के बाद भी पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को दो दिन में महज एक बार ही पीने का पानी मिल पा रहा है। जानकारी अनुसार बावनथड़ी नदी में जिस स्थान से पानी लाया जा रहा है। वहां पानी पूरी तरह से सूख चुका है। इस कारण पंचायत अब ग्रामीणों को 2 दिन में पेयजल सप्लाई कर रही है। सरपंच ने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने प्राकक्लन तैयार करते हुए तकनीकी बातों का ध्यान नहीं रखा। जिसके चलते पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
मिली जानकारी अनुसार तिरोड़ी में पानी लाने के लिए 07 किमी. दूर बावनथड़ी नदी पर योजना बनाई गई। यहां से पाईप लाईन का विस्तार किया गया तथा बम्हनी में फिल्टर प्लांट लगाया गया। अब बताया जा रहा है कि बावनथड़ी नदी में जिस कूप से पानी लाया जा रहा है, उसका जलस्तर बहुत ही कमजोर हो चुका है। इस कारण 2 दिन में केवल एक ही दिन पानी की सप्लाई की जा रही है। मालूम हो कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही की वजह से पहले ही पुरानी तिरोड़ी में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं अब पूरी तिरोड़ी में ही पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ग्राम पंचायत तिरोड़ी में पीने के पानी की समस्या को देखते हुए नल जल योजना के तहत 6 साल पहले जल आवर्धन योजना स्वीकृत हुई। इसके बाद बावनथड़ी नदी से लेकर तिरोड़ी तक पाइप लाइन का विस्तार किया गया। बम्हनी में फिल्टर प्लांट भी बना दिया गया। लेकिन ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। जब इस योजना को शुरू करते हुए पहली टेस्टिंग की गई तभी निर्माण में बरती गई लापरवाही उजागर हो गई। मगर, विभाग के वरिष्ट अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। वही जनप्रतिनिधि भी खामोशी से सबकुछ देखते रहे। जिसकी वजह से लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी लोगों को आज पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने पीएचई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि योजना का काम पूरा होते ही ठेकेदार को स्वीकृत राशि का भुगतान कर दिया गया। इसके बाद ठेकेदार चला गया और विभागीय अधिकारियों ने कभी पलट कर गांव की सुध नहीं ली। इस ओर पंचायत प्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया। इस कारण आज तक गांव में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों की माने तो पानी सप्लाई की टेस्टिंग में ही ठेकेदार की लापरवाही उजागर हो गई थी। इसके बावजूद अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से सबकुछ रफा-दफा कर दिया गया।
वर्सन
प्राकृतिक जल स्त्रोतों के सूखने के कारण थोड़ी समस्या आ रही है। हम इस मामले को दिखवाते हैं। जो भी समस्या होगी उसे दूर कराया जाएगा।
एस श्रीवास्तव, कार्यपालन अधिकारी
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