scriptढाई साल में नहीं बनी पानी टंकी- | Water tank not built in two and a half years - | Patrika News

ढाई साल में नहीं बनी पानी टंकी-

locationबालाघाटPublished: Apr 28, 2019 06:47:00 pm

Submitted by:

mukesh yadav

अर्जुनटोला में पेयजल संकट

pani ki samasya

ढाई साल में नहीं बनी पानी टंकी-

कटंगी/तिरोड़ी। जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चाकाहेटी के अर्जुनटोला में करीब ढाई साल पहले पेयजल योजना के तहत स्वीकृत पानी टंकी का अब तक निर्माण नहीं हो पाया है। इस टंकी के निर्माण को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बिलकुल भी गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 1 साल सेे निर्माण कार्य ही बंद है। जिसके चलते इस साल की गर्मियों में भी पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरा-पूरा दिन हंैडपंप तथा कूपों से पानी जुटाना पड़ रहा है, जिससे घर के अन्य दैनिक कार्य प्रभावित हो रही है। इधर, इस संबंध में विभाग के अधिकारी ने बताया कि ठेकेदार की लापरवाही की वजह से काम बंद पड़ा है। हालाकिं विभाग ने शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रांरभ करवाने की बात भी कही है। बताना जरूरी है कि इसके पहले भी विभाग ने यहीं दावा किया था, लेकिन विभाग अपने दावे पर खरा नहीं उतर पाया।
मिली जानकारी अनुसार अर्जुनटोला में पेयजल समस्या से निपटने के लिए करीब 8 लाख रुपए की लागत से ढाई साल पहले नल-जल योजना स्वीकृत हुई है। इस स्वीकृति के बाद अब तक गांव में केवल पाईप लाईन का ही विस्तार हो चुका है। टंकी का निर्माण काफी कच्छप गति से चल रहा है। ग्रामीण पानी के इंतजार में है, वर्तमान समय में लोग आधा किलोमीटर दूर कुएं से पानी ढो रहे है। जिससे महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है। महिलाओं ने बताया कि चिलचिलाती धुप में पानी लाना पड़ रहा है। जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, वहीं अधिक दूरी से पानी ढोकर लाने की वजह से बदन दर्द की शिकायत हो रही है। पंचायत सचिव ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा पंचायत में शिकायत की जाती है, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग निर्माण एंजेसी होने के कारण वह ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन भर दे रहे है।
अर्जुनटोला की महिलाओं ने बताया कि गांव के भीतर हैंडपंप का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इस कारण पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता, ऐसे में गांव के बाहर कुएं से पानी लाना पड़ रहा है। महिलाओं की माने तो कई बार ऐसी स्थिती निर्मित हो जाती है कि रात में 4 बजे उठकर ही पानी जुटाना पड़ता है। जिस कुएं से इन दिनों पानी लाया जा रहा है, उसका जलस्तर भी धीरे-धीरे कम होते जा रहा है।
गौरतलब हो कि साल दर साल बारिश कम होते जा रही है। इस वजह से प्राकृतिक जलस्रोतों में जल संरक्षण नहीं हो पा रहा है तथा हर साल गर्मी के मौसम में दर्जनों गांवों में पेयजल समस्या सामने आ रही है। दूर-दराज से लेकर नदियों के किनारें बसे गांवों में भी पेयजल की समस्या सुनने और देखने को मिल रही है।
वर्सन
ठेकेदार की लापरवाही से निर्माण कार्य में विलंब हो रहा है। हम कोशिश करेगें की शीघ्र ही टंकी का निर्माण हो और ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो जाए।
एनआर डोंगरे, सहायक यंत्री लो. स्वा.यांत्रिकी विभाग
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