scriptये कैसी चोरी, न सबूत छोड़े न दस्तावेजों में की गड़बड़ी, पार कर दिए १३ लाख रुपए | What kind of theft no evidence left or no disturbances in the documen | Patrika News

ये कैसी चोरी, न सबूत छोड़े न दस्तावेजों में की गड़बड़ी, पार कर दिए १३ लाख रुपए

locationबालाघाटPublished: Sep 17, 2017 11:56:01 am

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

बैंक के लेखा बही का भी हुआ सत्यापन

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बालाघाट. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा लामता में १३ लाख रुपए की संदेहास्पद चोरी के मामले में अभी भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इधर, विभाग ने भी दो सदस्यीय जांच दल का गठन कर प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। शनिवार को इस जांच दल ने बैंक पहुंचकर न केवल संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की। बल्कि दस्तावेजों की जांच भी की। जांच में दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। इससे स्पष्ट होता है कि बैंक में चारी नहीं हुई है। बल्कि इसे चोरी की घटना बनाई जा रही थी।
तिजोरी से गायब हुए १३ लाख रुपए
जानकारी के अनुसार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा लामता की तिजोरी से १३ लाख रुपए गायब हो गए हैं। जबकि इस तिजोरी में २० लाख ५७ हजार रुपए रखे हुए थे। लेकिन यहां से केवल १३ लाख रुपए ही चोरी हुए हैं। शेष रकम जैसे के तैसे तिजोरी में रखी हुई है। इस मामले में पुलिस ने चोरी के सभी एंगल को लेकर मामले की जांच कर चुकी है। लेकिन पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। अब पुलिस बैंक के कर्मचारियों को अलग-अलग बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है। शनिवार की देरशाम तक बैंक कर्मचारियों से पूछताछ चलते रही। हालांकि, संभावना जताई जा रही है कि शीघ्र ही इस मामले का खुलासा हो जाएगा।
दो सदस्यीय जांच दल गठित
इस प्रकरण की जांच करने के लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक प्रबंधन द्वारा दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है। जिसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बालाघाट के लेखा प्रबंधक राजीव सोनी और शाखा प्रबंधक अमानत शाखा सुभाष श्रीवास्तव को शामिल किया गया है। इन अधिकारियों ने शनिवार को लामता स्थित बैंक पहुंचकर कैश से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच की गई। लेकिन इस दस्तावेजों में उन्हें कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। जांच के दौरान अधिकारियों ने अगस्त माह से लेकर घटना दिनांक तक दिनांक अनुसार आय-व्यय की जांच की है। लेकिन विभागीय जांच में सभी सही पाए गए।
कर्मचारियों की हो सकती है मिलीभगत
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक पीएस धनवाल का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला चोरी का प्रतीत नहीं होता है। इस मामले में कर्मचारियों पर ही शक की सुई दौड़ रही है। उन्होंने बताया कि लॉकर की चॉबी प्रबंधक और लेखापाल के पास होती है। ऐसी स्थिति में लॉकर से पैसे गायब होने पर उनकी ही जवाबदारी बनती है। हालांकि, अभी इस मामले में पुलिस और विभागीय अधिकारी जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही मामले का खुलासा हो सकता है।
विभागीय रुप से भी हो रही जांच
इस मामले की जांच करने के लिए विभागीय रुप से जांच समिति का गठन किया गया था। शनिवार को विभागीय अधिकारियों ने लामता पहुंचकर बैंक की लेखा बही की जांच की। दस्तावेजों में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
-पीएस धनवाल, महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बालाघाट
इस मामले में चोरी के एंगल को पुलिस ने पूरी तरह से जांच लिया है। जिसमें कोई सुराग नहीं मिला है। अब बैंक कर्मचारियों से ही पूछताछ की जा रही है। जांच जारी है। शीघ्र ही मामले का खुलासा होने की संभावना है।
-अमित सांघी, एसपी, बालाघाट

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