scriptधमाका होने पर हलक पर आ जाता है कलेजा | When there is an explosion, the heart comes to the throat | Patrika News

धमाका होने पर हलक पर आ जाता है कलेजा

locationबालाघाटPublished: May 31, 2023 08:29:21 pm

Submitted by:

mukesh yadav

कच्चे-पक्के घरों की दीवारों में आ रही दरारेंढहने की बनी रहती है आशंका, दहशत के साए में गुजर बसर कर रहे ग्रामींणतिरोड़ी मॉयल नगरी का मामलासरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने लीज क्षेत्र को बढ़ाए जाने पर जताया विरोध

धमाका होने पर हलक पर आ जाता है कलेजा

धमाका होने पर हलक पर आ जाता है कलेजा


बालाघाट/तिरोड़ी. जिले की मॉयल नगरी तिरोड़ी के ग्रामींण मैगनीज खदान को पुन: लीज पर नहीं दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इस बाबत सरपंच फोजिया खान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अपनी आपत्ति भी दर्ज करवाई है। ग्रामीणों के अनुसार खदान में होने वाली ब्लॉस्टिंग से पूरे गांव में दशहत का माहौल बना रहता है। गांव की जमींन उजाड़ होने के साथ ही सैकड़ों परिवारों का जीना मुहाल हो गया है। खेल मैदान, भूमिहीनों के मकान सहित मवेशियों के अंतिम संस्कार तक के लिए भूमि शेष नहीं बची है।
पूरे मामले पर पत्रिका ने हालात जाने तो स्थिति चिंताजनक सामने आई। हालाकि कुछ जनप्रतिनिधि खदान लीज पर सहमति जताते भी नजर आए।
धमाकों से दरक रहे कच्चे पक्के मकान
सरपंच फोजिया खान के अनुसार गांव की 4.42 हेक्टेयर जमींन जिसका खसरा नंबर 154/1, 155/2, 156/2, 174/2 है। इस भूमि को लीज पर देकर मैगनीज का खनन कार्य करवाया जाता है। खनन कार्य के दौरान रहवासी क्षेत्र से महज 100 मीटर की दूर पर ब्लास्टिंग की जाती है। इन धमाकों से गांव के कच्चे-पक्के मकान दरकने लगे हैं। कई घरों की दीवारों पर दरारें भी स्पष्ट देखी जा सकती है। यहां तक तक आंगनवाड़ी और स्कूल भवन भी धमाकों के कंपन से कमजोर हो गए हैं। जिनकी मरम्मत या नए भवन को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
जल संकट की बनी स्थिति
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि मैगनीज खनन और ब्लॉस्टिंग के कारण ही गांव में विकट जल संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। खदान गहरी होने से जल स्तर गिर चुका है। नागरिक आबादी के भीतर करीब 10-12 हैंडपंप ध्वस्त हो गए हंै। ग्रामीणों के उपयोग हेतु पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। ऐसे में यदि लीज क्षेत्र का रकबा बढ़ाकर अधिक उत्पादन लिए जाने के प्रयास किए जाते हैं तो गांव में विकराल स्थिति निर्मित हो सकती है।
कुछ जनप्रतिनिधि सता रहे सहमति
इधर ग्राम के पूर्व सरपंच आनंद राव और उपसरपंच चुन्नीलाल खदान लीज को लेकर सहमति जता रहे हैं। जिनका मानना है कि तिरोड़ी की मैगनीज खदान क्षेत्र की पहचान हैं। इससे राजस्व प्राप्ती, रोजगार के साधन मिलने के साथ ही सीएसआर से ग्राम विकास के कार्य भी संभव हो पाते हैं। इनका मानना है कि कुछ नियम व शर्ता के अधीन मॉयल को खदान क्षेत्र लीज पर दिया जाना चाहिए। ताकि मॉयल के सहयोग से गांव विभिन्न विकास कार्य भी हो सकें।
इन बिंदुओं पर दर्ज की आपत्ति-
:- रहवासी क्षेत्र से 100 मीटर के भीतर ब्लास्टिंग।
:- कच्चे-पक्के मकानों में दरारें आ गई है।
:- खदान गहरी होने से जल स्तर गिर चुका है।
:- 10-12 हैंडपंप ध्वस्त हो गए हंै।
:- जल संकट की बनी विकट स्थिति।
:- तालाब, मैदान बनाने, मृत मवेशियों को दफनाने व भूमिहिनों के लिए जगह नहीं।
:- सीएसआर योजना का गांव को लाभ नहीं।
:- लीज स्थान पर सामुदायिक भवन व छोटा मैदान बनाना प्रस्तावित है।
प्रभावित ग्रामीणों की मांग
:- हेवी ब्लॉस्टिंग बंद हो।
:- ब्लॉस्टिंग एरिया रहवासी क्षेत्र से 500 मी दूर हो।
:- स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए।
:- ग्रामीणों का स्वास्थ्य का उपचार किया जाए।
:- स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाए।
:- पौध रोपण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
:- सीएसआर के तहत कार्य करवाए जाएं।
इनका कहना है
मॉयल है, तो तिरोड़ी है। मॉयल से बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ आसपास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हो पा रहा है। मॉयल समय-समय पर मदद करते रहती है। मॉयल जिस स्थान के लिए लीज के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मांग रही है, अगर मॉयल वहां लीज लेकर खनन कार्य करती है, तो इससे सरकार को फायदा होगा।
चुन्नीलाल कुलदीप, उपसरपंच
जिस स्थान पर मॉयल लीज की मांग कर रही है। वह आबादी से कुछ दूरी पर है। ऐसे में किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। पंचायत में उतना बजट नहीं आता है, जिससे विकास कार्य हो सकें। ऐसे में मॉयल की मदद से ग्राम विकास के कार्य करवाए जा सकते हैं।
आनंद राव बरमैया, पूर्व
लीज धारक हमारे गांव से प्रतिवर्ष 1200 टन मैगनीज खनन कर मुनाफा लिया करते हैं। लेकिन बदले में ग्राम के विकास कार्यो में सहयोग नहीं किया जाता है। अब तिरोड़ी ग्राम में सडक़, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की दरकार बनी हुई है। इसलिए विरोध किया जा रहा है।
फिरोज खान, पंच वार्ड नंबर 01
यह कि नागरिको की सुविधा एवं सुरक्षा, घटते जल स्तर, ध्वनी एवं वायु प्रदुषण, उत्खनन एवं हेवी ब्लास्टिंग तथा वन्य प्राणी, पालतु दुधारू पशु की सुरक्षा एवं वन तथा भूमि संरक्षण तथा जनहित को ध्यान में रखते हुए उक्त खसरा नंबर एवं क्षेत्रफल में अनुमति प्रदान करना मैं अनुचित एवं अन्याय मानती हॅू। इसलिए आपत्ति लगाई गई है।
फोजिया खान, सरपंच तिरोड़ी
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