मंदिरों में हुई पूजा-अर्चना, ज्योति कलशों का किया विसर्जन
बालाघाट. शारदेय नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन गुरूवार को देवी मंदिरों में जहां सुबह के वक्त पूजा-अर्चना और आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। वहीं शाम के वक्त भक्तिभाव के साथ देवी गीतों, जस की धुन पर स्थानीय जलस्रोतों में भक्तिभाव के साथ ज्योतिकलशों का विसर्जन किया। इसी तरह घरों में स्थापित ज्योति कलश व जवारा का भी समीपस्थ नदी, तालाब व अन्य जलस्रोतों में विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर विसर्जन किया गया। इधर, नवमीं पर्व पर सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। भजन मंडली द्वारा देवी जस गाकर व बैंडबाजों की धुन के साथ जवारा व कलश विसर्जन के लिए निकाले।
नगर के कालीपाट मंदिर में इस वर्ष करीब ६०० ज्योति कलश स्थापित किए गए थे। वहीं त्रिपुर सुंदरी मंदिर और हनुमान चौक स्थित दुर्गा मंदिर में भी सैकड़ों ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए थे। गुरूवार की शाम मंदिर से कलश विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकाली गई। मां काली पाठ मंदिर से ज्योतिकलशों की शोभायात्रा वैनगंगा नदी पहुंची, जहां कलशों का विसर्जन किया गया। इसके अलावा मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर, दुर्गा मंदिर में भी स्थापित ज्योतिकलशों का विसर्जन देर शाम को किया गया।
दुर्गा पंडालों में भक्तों ने किया हवन-पूजन
इधर, सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समितियों द्वारा नवमीं के अवसर पर विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया गया। हवन-पूजन कर महाप्रसाद, भंडारा का वितरण किया गया। पूजन-अर्चन का यह सिलसिला गुरुवार को पूरे दिन भर चलते रहा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर हवन में आहूति डाली और महाप्रसाद ग्रहण किया।