कक्षा 12वीं में 92 फीसदी अंक हासिल करने के बाद वो पालिटेक्निक में एडमीशन लेना चाहती थी। बीटेक करने के बाद वो इसरो के लिए अप्लाई करना चाहती थी। बेटी की सोच देख वकील पिता ने लखनऊ के एक कालेज में उसका दाखिला करा दिया। बेटी का कालेज बंद हो जाने के बाद घर वालों ने उसे घर आने को कहा। पांच जुलाई को संस्कृति राय का जन्मदिन था। वो गुरूवार को लखनऊ स्थित अपने कमरे से बलिया आने के लिए निकली।
दरअसल, बलिया के फेफना, भगवानपुर गांव निवासी अधिवक्ता उमेश कुमार राय की बेटी संस्कृति पॉलीटेक्निक कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। पिता उमेश कुमार के मुताबिक, पिछले साल बेटी का पॉलीटेक्निक में दाखिला हुआ था। वह सालभर हॉस्टल में रही। दूसरे साल हॉस्टल नहीं मिल पाया तो वह इंदिरानगर सेक्टर 19 में राजेंद्र अरोड़ा के मकान में किराये पर रहने लगी।
गुरूवार को घर आने के लिए बेटी संस्कृति राय ने पिता से बात की। कहा कि घर से निकल रही हूं। उसे अपनी सहेली नीलम के साथ घर आना था। लेकिन रास्ते में ही नीलम का घायल अवस्था में लखनऊ के मड़ियांव घैला पुल के पास खांई में मिली। घायल अवस्था में उसे ट्रामा सेंटर में ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बेटी के लिए ताजा आम रखा था पिता, देने के लिए खरादी था कूलर पिता उमेश राय बेटी के आने की सूचना पर खूश से कई दिनों से पेड़ का ताजा आम बेटी के लिए रखे जा रहे थे। कहते थे मेरी होनहार बिटिया आयेगी तो खूब आम खाकर खुश हो जायेगी। इतना ही नहीं बेटी को देने के लिए उसके पिता ने एक कूलर भी खरीदा था। जिसे उसके जन्मदिन पर भेंट करने की योजना थी सब धरा का धरा रह गया। बेटी की मौत ने पूरे परिवार पर पहाड़ सा गिरा दिया। इस घटना से दुखी पिता योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला कर रहे हैं। उनकी मांग है कि हत्या करने वालों का खुलासा कर उन्हे चौराहे पर गोली मार दी जाये। हालांकि पुलिस संदेह जता रही है कि किसी आटो वाले ने लूट के इरादे से संस्कृति राय की हत्या कर दी है। अब जांच जारी है मामले का खुलासे का इंतजार है।