इसे भी पढ़ें शिक्षामित्रों को शिक्षकों के बराबर वेतन क्यों नहीं, हाईकोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब यह आदेश न्यायमूर्ति अनिरुद्ध सिंह ने मुन्ना यादव व अन्य की जमानत अर्जी को निस्तारित करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता दिनेश राय का कहना था कि याचियों को झूठा फंसाया गया है। कोई स्वतन्त्र गवाह नहीं है, बरामद वस्तुओं की रसायनिक जांच नहीं करायी गयी, जिससे ये साबित हो कि बरामद शराब मिलावटी है। याची 19 जनवरी 2018 डेढ़ महीने से जेल में बन्द है। यदि उसे जमानत पर रिहा किया गया तो वह स्वतंत्रता का दुरूपयोग नहीं करेगा।
इसे भी पढ़ें हाईकोर्ट का सवाल, अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की मॉनिटरिंग कैसे की जाती है पुलिस ने पांच लोगों पर एफ आई आर दर्ज कराई है। विनय यादव, गुड्डू यादव, मुन्ना यादव, जयप्रकाश यादव व उमा यादव पर 21131बोतल मिलावटी शराब दो किलो फिटकिरी, पांच किलो यूरिया, पांच किलो नमक व तीन किलो नौसादर की उनके आवास से बरामदगी का आरोप है। मौके से किसी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। उन्होंने पता चलने पर कोर्ट में समर्पण किया है। इस पर कोर्ट ने याचियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
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