ट्वीट में मायावती, किसी अभिषेक दुबे यूपी गवर्नमेंट और सीएम ऑफिस यूपी को टैग करते हुए लिखा गया है ‘दिनांक 29 अगस्त की घटना पर खेद’ गया है। बताते चलें कि यूपी के बलिया जिले के रामपुर प्राथमिक स्कूल का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें स्कूल के कुछ बच्चे दलित बच्चों से अलग हटकर भोजन कर रहे थे। इसके बाद स्कूल में दलित छात्रों के साथ भेदभाव की खबर मीडिया की सुर्खियों में छा गयी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे तत्काल संज्ञान में लेते हुए सरकार से विद्यालयों में इस तरह के जाजिगत भेदभाव पर रोक लगाने की मांग की।
मायावती के संज्ञान लेने के बाद बसपा के चीफ जोनल कोआर्डिनेटर डॉ. मदन राम अपनी टीम के साथ रमापुर प्राथमिक विद्यालय पहुंचे और वहां दलितों के साथ भेदभाव की सच्चाई जानने की कोशिश की। इसी दौरान बलिया के डीएम भवानी सिंह खरगौत भी वहां पहुंच गए। दलित नेता और डीएम से भेदभाव को लेकर बातचीत करने लगे। इसी दौरान डीएम साहब ने नेता जी को मामले में रजनीति न करने की नसीहत की और कहते-कहते वह उनकी लग्जरी गाड़ी, महंगे जूते और घड़ी पर भी कमेंट कर बैठे।
बाद में मीडिया के सामने आकर बसपा चीफ जोनल कोआर्डिनेटर डॉ. मदन राम ने डीएम की बातों पर नाराजगी जतायी। इसके बाद डीएम का कमेंट करता हुआ वीडियो मीडिया की सुर्खियां बना और इंटरनेट पर इसके वायरल होते ही उनके खिलाफ टि्वटर और सोशल मीडिया पर ट्रोल अभियान चल पड़ा। देश-विदेश से खुद को दलित बताकर यूजर्स उन्हें महंगे जूते, घड़ियां और लग्जरी गाड़ियों की फोटो टैग कर ट्वीट करने लगे। बयान को लेकर बावेला मचने के बाद अब डीएम साहब के नाम से एक पत्र ट्वीटर पर आया है जिसमें कमेंट पर खेद जताया।