ये भी पढ़ें- कानपुर एनकाउंटरः पुलिस ने बसपा नेता अनुपम दुबे समेत 12 को लिया हिरासत में बताया जाता है कि बहुमंजिला मकान में रहने वालों को कमरे की खिड़की के शीशे से कुछ हिलता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद किसी अनहोनी की आशंका होने पर किसी ने डायल 112 और पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलने के बाद तत्काल पहुंची कोतवाली पुलिस ने अधिशासी अधिकारी के कमरे का दरवाजा तोड़ा। अधिशासी अधिकारी अपने बेडरूम में बेड के ऊपर ही फंदे पर झूलती हुई दिखी। जानकारी होने पर मौके पर तत्काल फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया। टीम ने जांच पड़ताल करने के बाद डेड बॉडी को नीचे उतारा।
पहुचें जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी- जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही, पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ, अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव, उप जिलाधिकारी सदर अन्नपूर्णा गर्ग सहित वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में महिला अधिकारी ने लिखा है कि मैं दिल्ली-मुंबई से बचकर बलिया में चली आई। लेकिन, यहां मेरे साथ बड़ा धोखा और गलत हुआ है। मुझसे गलत काम करा लिया गया। मुझे रणनीति के तहत फंसाया गया है। इससे मैं काफी दुखी हूं। लिहाजा, मेरे पास आत्महत्या करने के लिए अलावा कोई विकल्प नहीं है। हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा।
ये भी पढ़ें- यूपी में एक दिन में आए कोरोना के रिकॉर्ड 1346 मामले, राजधानी में फूंटा कोरोना बम गाजीपुर की रहने वाली थी मंजरी- जिले की सरहद पर स्थित गाजीपुर जिला के भांवरकोल थाना क्षेत्र की रहने वाली मणि मंजरी राय की तैनाती तकरीबन दो वर्ष पहले मनियर नगर पंचायत में हुई थी। सोमवार को वह घर में अकेले ही थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता अधिशासी अधिकारी को ठहराया जा रहा जिम्मेदार- भाजपा से जुड़े मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता को प्रताड़ना के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताते हैं कि अधिशासी अधिकारी राय नगर पंचायत अध्यक्ष की प्रताड़ना व भ्रष्ट कार्यप्रणाली को लेकर बेहद परेशान रह रही थी। उसने इस मामले की जानकारी पिछले दिनों जिला मुख्यालय पर कार्यरत एक प्रशासनिक अधिकारी को भी दी थी। नगर निकाय का प्रभार देखने वाले इस प्रशासनिक अधिकारी ने नगर पंचायत अध्यक्ष को तलब कर अध्यक्ष को फटकार भी लगाई थी।
महिला मित्रों को बताया था मंजरी ने – अधिशासी अधिकारी ने अपनी महिला मित्रों को अध्यक्ष के लगातार गलत काम कराने के बारे में बताया था। वह उससे गलत काम करने के लिए दबाव बना रहे थे। उसने सादा चेक बुक पर हस्ताक्षर कराने की भी जानकारी दी थी। इस मामले में पुलिस परिजनों की तरफ से शिकायत मिलने का इंतजार कर रही है। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि पुलिस मामले से जुड़े सभी तथ्यों की जांच कर रही है। इस मामले ने जिले के नगर निकायों में चल रहे भ्रष्टाचार को सामने ला दिया है।