कहा कि हमारे यहां एक प्रधानमंत्री मोदी हैं। मगर वहां (गठबंधन) सबको टूटा-फूटा बताते हुए कह दिया कि देश चोचों का मुरब्बा नहीं है। मतगणना से पहले ही बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त को मंच पर ही माला पहनाकर जीत का ऐलान कर डाला।
मगर वहां (गठबन्धन) सबको टूटा फूटा बताते हुए कह दिया की देश चोंचों का मुरब्बा नहीं है। मतगणना से पहले ही बीजेपी प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त को मंच पर ही माला पहना कर जीत का ऐलान कर डाला।वही रामविलास पासवान ने मंच से संबोधन करते हुए मतगणना की तारीख को ही भूलकर मतदान की तारीख बता दिया।
वहीं मायावती को गठबंधन का प्रधानमंत्री बनाने के मंशा पर तंज कसते हुए पासवान ने कहा कि मायावती कैसे प्रधानमंत्री बन जाएगी। जब खुद चुनाव ही नहीं लड़ रही है तो उछल कर बन जाएंगी क्या। केंद्रीय मंत्री यही नही रुके बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोलते हुए देश के मतदाताओं को आगाह करते हुए कहा कि ये आप को कहा जाकर बेच देगी किसी को पता नही है। वहीं मायावती के द्वारा सवर्णो के खिलाफ बनाये गए पुराना नारा,” तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जुते चार”। तो अब क्यों ब्राम्हण को टिकट देकर सपोर्ट कर रही है। पहले तो कहती थी कि इनको जूता मारो।