संवेदनशील जिले की श्रेणी में बलिया शामिल राज्य निर्वाचन आयोग ने बलिया जिले को संवेदनशील श्रेणी में रखा है। सिकंदरपुर और रतसड़ में हुए साम्प्रदायिक बवाल के बाद जिला प्रशासन सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। जनपद में दो नगर पालिका और आठ नगर पंचायत में दूसरे चरण के तहत 26 नवंबर को चुनाव कराया जाना है।
बतादें कि जिले में 27 अक्तूबर से निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। अपर जिला मजिस्ट्रेट मनोज कुमार सिंघल ने खुफिया विभाग की रिपोर्ट के हवाले से आशंका जताई है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन और नगर निकाय चुनाव के दौरान उपद्रवी तत्व फसाद करके जिले की शांति भंग कर सकते हैं। प्रत्याशियों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों में आपसी रंजिश होने की आशंका है। चुनाव प्रचार के दौरान वाद-विवाद से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने बलिया जिले को संवेदनशील श्रेणी में रखा है। चुनाव में अशांति उत्पन्न करने वाले असमाजिक तत्वों को चिह्नित कर लिया गया है। दंगा फसाद जैसी स्थिति पर एनएसए ही नहीं बल्कि राष्ट्रद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि विगत दिनों सिकंदरपुर और रतसड़ में हुए साम्प्रदायिक बवाल के बाद जिला प्रशासन सुरक्षा के प्रति कोई कोताही नहीं बरतना चाहता।
इन जिलों में भी हो सकता है बवाल
29 अक्तूबर को वाराणसी में कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने साफ तौर पर कहा था कि बलिया के साथ-साथ वाराणसी, आजमगढ़ और गाजीपुर की स्थिति जोन के अन्य जिलों की तुलना में ठीक नहीं है।
29 अक्तूबर को वाराणसी में कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने साफ तौर पर कहा था कि बलिया के साथ-साथ वाराणसी, आजमगढ़ और गाजीपुर की स्थिति जोन के अन्य जिलों की तुलना में ठीक नहीं है।
इन जिलों के डीएम और एसएसपी को खासतौर से हिदायत दी गई है कि वे अभियान चलाकर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करें। पेशेवर अपराधियों और सांप्रदायिक और जातीय हिंसा फैलाने वालों को चिह्नित कर उन्हें जेल भेजें। तस्करों ने बताया कि पूर्वांचल के जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर आदि जिलों के दो सौ से अधिक लोग अब तक पिस्टल, रिवाल्वर, तमंचे आदि बेच चुके हैं।