बतादें कि महिला की शिकायत थी कि गड़वार थाना क्षेत्र के अंदौर गांव निवासी मनीषा वर्मा व माया देवी तथा बासडीह नई बस्ती निवासी सुमन देवी प्रगति दिशा फाउंडेशन के नाम पर लड़कियों से 35-35 हजार रुपया लेकर नौकरी देने का भरोसा दिया जा रहा है। महिलाओं तथा लड़कियों को एनजीओ द्वारा बताया गया था कि उन्हें हर माह सैलरी के रूप में आठ से दस हजार महीने मिलेगा।
ज्वाइनिंग लेटर भी एनजीओ ने दे दिए, लेकिन तीन माह बाद भी सैलरी नहीं दी गयी। यहां तक की ट्रेनिंग दे रही महिलाओं को भी निकाल दिया गया। पूछताछ पर गड़वार थाना क्षेत्र के अंन्दौर गांव के निवासी परमहंस यादव ने बताया कि संवरा गांव के कृष्णा नामक एक युवक द्वारा बताया गया कि एक बहुत बड़ी कंपनी है। उसमें आठ से दस हजार महीना आपको मिलेगा। ट्रेनिंग देने के बाद गांव में महिलाओं और लड़कियों को सफाई व स्वास्थ्य के बारे में बताना है। भोली भाली गांव की महिलाओं ने झांसे में आकर 35 से लेकर 50 हजार रुपये दे दी।
तीन माह बीत जाने के बाद भी कंपनी के लोगों ने पगार नहीं दिया। महिलाओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कोतवाल जगदीश चंद यादव ने ट्रेनिंग दे रहे दो लोगों को हिरासत में ले लिया। इसमें एक चंदौली जनपद के थाना सिमरा कटेसर गांव निवासी मोहम्मद बादशाह है। जबकि दूसरा वाराणसी के चेतगंज निवासी समी अफरोज हैं।
इनके साथ और कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में दोनों लोगों ने बताया कि हमसे भी पैसे लेकर इन महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए कहा गया है, लेकिन हमारे संस्था के निदेशक इस समय जेल में हैं। उनके सहयोगियों के दिशा-निर्देश पर ही कार्य किया जा रहा है।भोले भाले वेरोजगरो को अपने झांसा में फंसा कर नवजवानों को ठगा जा रहा था।